मृत्युभोज न कर किया श्रद्धांजलि सभा का आयोजन वास्तव में हमारे लिए कर्म तथा अकर्म का स्वरूप जानने के लिए शास्त्र ही प्रमाण है : चौधरी दर्शन सिंह


चांदौन में श्री मुन्नालाल वर्मा के नाती अशोक वर्मा के पुत्र रोहित वर्मा के निधन पर अखिल भारतीय क्षत्रिय कुशवाहा मौर्य महासभा नर्मदापुरम ग्राम इकाई चांदौन के द्वारा मृत्यु भोज न करते हुए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया । जिसमें गायत्री परिवार नर्मदापुरम जिला संयोजक सुबोध बारोलिया के द्वारा गायत्री मंत्रों से परिवार जनों एवं उपस्थित अतिथियों के द्वारा आहूति छोड़ी गई । जिसके पश्चात नीतिराज सिंह पटैल के द्वारा श्रीमद भगवत गीता के द्वादश अध्याय का पाठ किया गया। जिसके पश्चात मौन धारण दिवंगत आत्मा की शांति के लिए सामूहिक प्रार्थना की गई ।

इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दर्शन सिंह ने कहा कि हर समाज के अपने नियम , इतिहास , जीवन मूल्य व रीति रिवाज होते है । चूंकि हमारा समाज धर्म को मानने वाला समाज है । इसलिए समाज में बहुत सारी परंपराएं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बनी हुई है । वास्तव में हमारे लिए कर्म तथा अकर्म का स्वरूप जानने के लिए शास्त्र ही प्रमाण है । बहुत सी परंपराएं रीतियां बन जाती हैं और आगे चलकर वही रीतियां धीरे-धीरे कुरीतियों में परिवर्तित हो जाती हैं । इसलिए कोई भी नियम चाहे वह जाति , वर्ग विशेष के द्वारा बनाया गया हो अथवा किसी देश की विधायी संस्था के द्वारा समय समय पर उस नियम अथवा नियमों का पुनरावलोकन , समीक्षा और परिष्कार होना नितांत आवश्यक है । क्योंकि वक्त के अनुसार इनमें दोष आना स्वाभाविक है । यह बात हम इसलिए कह रहे हैं कि इन नियमों की आड़ में समाज , जाति अथवा वर्ग विशेष में अभिजात्य वर्ग पैदा हो जाता है जो अपने अहंकार को पोषित करने के लिए अपने आप में श्रेष्ठता की भावना को लेकर जीता है तथा उसी समाज विशेष का सदस्य होने के बावजूद भी उसमें सबसे हटकर रहने और जीने के भाव आ जाते हैं । बस यहीं से समाज में कुरीतियों , रूढ़ियों और बुराईयों का जन्म होता है और समाज में उच्च और निम्न का भाव पैदा होता है । प्रत्येक समाज में उत्पन्न और विद्यमान बुराईयों के पीछे यही मानसिकता काम करती है ।वास्तव में विशाल मृत्युभोज का शास्त्रों में कहीं उल्लेख नहीं मिलता और ना ही मृत्यु के पश्चात क्या हुआ कोई कार्य जीवात्मा के साथ जाता है विद्वानों का मानना है कि यह एक सामाजिक बुराई है। इसे बंद किया जाना चाहिए। हालातों पर नजर डालें तो आज वाकई में यह बड़ी बुराई बन चुका है। अपनों को खोने का दु:ख और ऊपर से तेहरवीं का भारी भरकम खर्च..? इस कुरीति के कारण कई दुखी परिवार कर्ज के बोझ में तक दब जाते हैं, जो सभी के मन को द्रवित करता है। लेकिन जो हो रहा है इसके लिए हम खुद ही जिम्मेदार हैं।

श्रद्धांजलि सभा में अखिल भारतीय किरार क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात कुमार चौधरी भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दर्शन सिंह अखिल भारतीय क्षत्रिय कुशवाहा मौर्य महासभा नर्मदापुरम प्रदेश अध्यक्ष योगेश मानसिंह कुशवाहा संभागीय अध्यक्ष गौरीसेठ जिला अध्यक्ष बाबूलाल मौर्य रामकिशन कुशवाहा मार्शल बमोरिया गुरुदयाल कुशवाहा सुरेश वर्मा राजेंद्र बमोरिया सुरेश कुशवाहा संतोष कुशवाहा धर्मदास कुशवाहा जय नारायण कुशवाहा प्रकाश कुशवाहा दयाराम कुशवाहा कमलेश कुशवाहा लक्ष्मी प्रसाद कुशवाहा नेतराम पटेल नारायण शुभ प्रभात कुमार सहित कुशवाहा संगठन के पदाधिकारी इस अवसर पर वरिष्ठ समाज सेवी उमेद सिंह पटेल प्रणबीर सिंह चौधरी जिला अध्यक्ष भागवत पटेल प्रयागराज रघुवंशी सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों की उपस्थिती रही ।

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