बुरहानपुर में अधिकारियों की हड़ताल – महिला एवं बाल विकास विभाग के 5 सीडीपीओ, 28 सुपरवाईजरों ने शुरू की अनिश्चितकालीन हड़ताल, मांगें पूरी नहीं होने से आक्रोश

बुरहानपुर महिला एवं बाल विकास विभाग के 5 सीडीपीओ और 28 सुपरवाईजरों ने अपनी लंबित मांगों का निराकरण नहीं होने पर 21 मार्च से कलमबंद अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी। सभी सोमवार दोपहर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। यहां एडीएम शैलेंद्रसिंह सोलंकी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। सीडीपीओ, सुपरवाईजर्स का कहना है-हमारी वेतन विसंगति व पदोन्नति संबंधी मांग 25 साल से शासन स्तर पर लंबित है। जिसका विभाग द्वारा कोई निराकरण नहीं किया जा रहा है। जिससे प्रदेश के परियोजना अधिकारियों, पर्यवेक्षकों में बेहद निराशा व आक्रोश है। जब तक शासन द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जाता हड़ताल जारी रहेेगी।

यह है मांगें

  • परियोजना अधिकारियों की ग्रेड पे 3600 रूपए से बढ़ाकर 4800 रूपए की जाए। वर्तमान में देश के अन्य राज्यों में सबसे कम व विकासखंड स्तरीय समकक्ष अधिकारियों में सबसे कम ग्रेड पे परियोजना अधिकारियों का है।
  • पर्यवेक्षकों का ग्रेड पे 2400 रूपए से बढ़ाकर 3600 किया जाए। वर्तमान में पर्यवेक्षकों का ग्रेड पे देश के अन्य राज्यों से सबसे कम है। परियोजना अधिकारियों व पर्यवेक्षकों का ग्रेड पे बढ़ाकर क्रमशः 4800 व 3600 रूपए करने का निर्णय विभागीय मंत्री से अनुमोदित प्रस्ताव अगस्त 2018 से वित्त मंत्रालय में लंबित है।
  • परियोजना अधिकारियों को सामान्य प्रशासन, पुलिस, वित्त विभाग की तरह टाइम स्केल दिया जाए।
  • पर्यवेक्षकों का नियमित प्रमोशन कर परियोजना अधिकारी के रिक्त पद भरे जाएं। वर्तमान में विगत 30 साल से अनेक पर्यवेक्षक एक ही पद पर पदस्थ हैं। पर्यवेक्षक को पूरे सेवाकाल में 3 प्रमोशन दिए जाएं।
  • प्रदेश में 2007-2010 में व्यापमं परीक्षा से संविदा पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई थी। उनके बाद से विभाग में संविदा पर्यवेक्षकों की नियुक्ति बंद कर दी गई है। इसलिए प्रदेश में शेष बचे संविदा पर्यवेक्षकों को नियमित किया जाए, क्योंकि वे सभी व्यापमं परीक्षा उत्तीर्ण हैं। साथ ही 10 साल का विभागीय अनुभव भी है। इसके अलावा अन्य मांगों को लेकर कलमबंद हड़ताल की गई।

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