अक्षय तृतीया पर सामूहिक विवाहों का आयोजन – सर्वाधिक शुभ मुहूर्त बाल विवाह रोकथाम के लिए दलों का गठन, प्रशासन अलर्ट मोड पर

अक्षय तृतीया के अवसर पर सामूहिक विवाहों का आयोजन किया जाता है। इन आयोजनों में बाल विवाह होने की प्रबंल संभावना होती है। इस बार 03 मई को अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह की सूचना के लिए कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाता है।

इस संबंध में कलेक्टर चन्द्र मोहन ठाकुर ने प्रत्येक अनुभाग एवं तहसील स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित कर और इसके लिए दल भी गठित किये गये हैं। जो अपने-अपने क्षेत्र में बाल विवाहों पर निगरानी रख कर बाल विवाह रोथा के लिए आवश्यक कार्यवाही करेंगें। कन्ट्रोल रूम प्रभारी अपने दल के साथ पूरे समय अपने कार्यक्षेत्र पर उपस्थित रहकर जैसे ही बाल विवाह की सूचना मिलती है वैसे ही तत्काल आवश्यक कार्यवाही की जाए। दल प्रभारी गठित दल के अतिरिक्त अपने स्तर से भी अपने क्षेत्र अन्य स्टाफ को इसके लिए निर्देशित किया गया है।

अक्षय तृतीया के अवसर पर विशेष रूप से विवाह पर निगरानी रखते हुए पूरे वर्ष अभियान अन्तर्गत बाल विवाह रोकथाम के लिए दलों का गठन किया गया है। दल अपने-अपने क्षेत्राधिकार में होने वाले सामूहिक विवाह में वर वधओं की आयु के प्रमाण पत्र का अवलोकन करेंगे। किसी भी परिस्थिति में वर की आयु 21 वर्ष से कम तथा वधु की आयु 21 वर्ष से कम न हो। वर की आयु कम पाए जाने पर बाल विवाह रोकने का प्रयास करेगें अन्यथा वैधानिक कार्यवाही करेंगे।

उड़नदस्तों के दल द्वारा यदि उनके क्षेत्राधिकार में कोई बाल विवाह का प्रकरण पाया जाता है तो बाल विवाह करने वाले बाल विवाह को प्रोत्साहित करने जैसे बाल विवाह में सम्मिलित बाराती विवाह स्थल/गटेन्ट खाना बनाने वाले रसोईयाकेटर काजी पण्डित तथा पत्रिका छापने पहले प्रिंटिंग प्रेस के मालिक केके विरुद्ध भी बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई की जाये।

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