इंदौर की एक स्कूली छात्रा पिछले तीन साल से अजीबोगरीब बीमारी से जूझ रही थी। उसे पसीने के साथ खून भी आता था। तीन साल में उसे यह बीमारी लगातार बढ़ती गई। परिवार ने इंदौर में कई जगह इलाज कराया लेकिन फर्क नहीं पड़ा। फिर जब होम्योपैथी डॉक्टर से संपर्क किया तो पता चला कि उसे हेमैटोहाइड्रोसिस बीमारी है लाखों में एक को होती है। सालभर के इलाज के बाद अब छात्रा पूरी तरह से ठीक है।
छात्रा के पिता के मुताबिक उसे 2019 में हथेलियों पर खुजली से बीमारी की शुरुआत हुई। इसके साथ पसीना और फिर खून आने लगा। परिजन ने कुछ अस्पतालों में बताया तो डॉक्टर्स ने कहा कि पसीने के साथ खून मिलने से लाल रंग का पसीना आ रहा है। कुछ दिनों बाद चेहरे व अन्य हिस्सों से भी ऐसा ही लाल रंग का पसीना आने लगा। युवती को इस वजह से कई जगह घाव भी होने लगे।
हथेलियों से भी पसीने के साथ खून आ जाता था। छात्रा को यहीं से बीमारी शुरू हुई।
फरवरी 2021 से छात्रा का उपचार कर रहे होम्योपैथिक डॉ. एके द्विवेदी ने बताया कि उसे हेमैटोहाइड्रोसिस बीमारी है। यह बीमारी लाखों में से एक में ही पाई जाती है। इस बीमारी में बॉडी से पसीने की जगह खून निकलता है। कुछ साल पहले इस तरह का केस दिल्ली में पहले मिला था और वह भी लड़की ही थी।
झाड़फूंक से इलाज का सुझाव, प्रिंसिपल ने मना कर दिया
छात्रा की यह बीमारी देख स्कूल के प्रिंसिपल ने स्कूल आने से मना कर दिया था जिससे परिजन भी काफी परेशान हो गए थे। पड़ोसियों और करीबी रिश्तेदारों ने उसे झाड़फूंक कराने की सलाह भी दी थी।
30 हजार में हुआ इलाज हुआ
छात्रा के उपचार के लिए मनोचिकित्सक की सलाह भी ली गई। डॉ. वैभव चतुर्वेदी (एमडी, सायकाइट्री) ने जब मनोचिकित्सक रूप से पूरी तरह स्वस्थ बताया तभी डॉ. द्विवेदी ने उपचार शुरू किया।
डॉ. द्विवेदी ने बताया छात्रा का ट्रीटमेंट फरवरी 2021 में शुरू किया गया और जुलाई में खून आना बंद हो गया। फिर नवंबर 2021 के बाद शरीर या चेहरे पर घाव नहीं हुआ। छात्रा अब पूरी तरह से स्वस्थ है। पिता के मुताबिक वे पहले प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के दौरान काफी रुपए खर्च कर चुके हैं। लेकिन होम्योपैथी के इलाज में मात्र 30 हजार रु. का खर्च आया और बेटी अब बिल्कुल ठीक है।