सुक्ता जल प्रदाय योजना का काम पूरा नहीं हो सका और नगर निगम अधिकारियों ने विधायक देवेंद्र वर्मा से इसका लोकार्पण करा दिया।
जसवाड़ी बंधान से जैसे ही विधायक ने मोटरपंप का बटन दबाया। करीब 30 मिनट में सुक्ता का पानी नई पाइप लाइन से होते सर्किट हाउस में नर्मदा जल योजना के संपवेल तक पहुंचा लेकिन इस पानी को संपवेल में छोड़ने की बजाय व्यर्थ बहाना पड़ा। क्योंकि संपवेल से सुक्ता के पाइप को नहीं जोड़ा जा सका था।
लोकार्पण के पहले दिन ही सुक्ता जल प्रदाय योजना से शहरवासियों को पानी नहीं मिल सका। तय कार्यक्रम के अनुसार विधायक देवेंद्र वर्मा ने दोपहर करीब साढ़े तीन बजे जसवाड़ी बंधान पर मोटरपंप का पूजन करने के बाद नई पाइप लाइन में पानी छोड़ने के लिए बटन दबाकर लोकार्पण किया। इसके बाद विधायक को सर्किट हाउस स्थित नर्मदा जल योजना के संपवेल स्थल पर पहुंचना था। यहां भी शिलालेख का पर्दा हटाकर योजना को विधायक द्वारा लोकार्पित किया जाना था लेकिन संपवेल से सुक्ता की पाइप लाइन का कनेक्शन नहीं जुड़ने के कारण वे नहीं पहुंचे। सर्किट हाउस में होने वाले कार्यक्रम को निरस्त करना पड़ा। इधर जसवाड़ी बंधान से खंडवा सर्किट हाउस तक पहुंचे पानी को बहाकर नगर निगम अधिकारियों ने सातवीं बार टेस्टिंग की। इस दौरान नगर निगम के अधीक्षण यंत्री कैलाश चौधरी, प्रभारी कार्यपालन यंत्री अंतर सिंह तंवर, उपयंत्री राजेश गुप्ता सहित कंपनी के इंजीनियर मौजूद रहे। निगम अधिकारियों ने रविवार तक सुक्ता की पाइप लाइन संपवेल से जोड़े जाने की बात कही जा रही है। इसके बाद शहरवासियों को इस योजना के तहत पानी मिल सकेगा।
विधायक ने कहा, सभी जल संरचनाओं का होगा उन्नयनः जसवाड़ी बंधान पर सुक्ता जल प्रदाय योजना के तहत स्थापित राइजिंग मेन पाइप लाइन के लोकार्पण के अवसर पर विधायक देवेंद्र वर्मा ने कहा कि चारों दिशाओं में शहर के बढ़ते फैलाव और आबादी को दृष्टिगत रखते हुए शहर की सभी जल संरचनाओं का उन्नायन किया जाना आवश्यक है। यह शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। चारखेड़ा से खंडवा तक की नर्मदा जल की पाइप लाइन को अमृत योजना के तहत स्थापित करने के लिए 130 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। यह प्रयास किया जाएगा कि ग्राम जावर से यह नर्मदा की नई पाइप लाइन स्थापित की जा सके। भगवंत सागर जलाशय से सुक्ता जसवाड़ी बंधान तक पाइप लाइन स्थापित किए जाने का भी प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। ताकि सुक्ता नदी में ग्रीष्मकाल के दौरान पानी की चोरी और पानी को दूषित होने से बचाया जा सके तथा पर्याप्त मात्रा में पानी जसवाड़ी बंधान तक पहुंचाया जा सके।