गोरखपुर बांद्रा एक्सप्रेस में ट्वीटर पर बम की सूचना देने वाले दो आरोपियों को इंदौर जीआरपी ने पकड़ लिया है। ये दोनों रेलवे से अनुबंधित निजी सफाई कंपनी के कर्मचारी है। ये ट्रेनों के अंदर सफाई का काम करते हैं। आरोपियों ने तीन पहले अपने मोबाइल से ट्वीट कर ट्रेन में बम की अफवाह फैलाई थी। मामले में सायबर टीम की मदद लेने के बाद आरोपियों को मोबाइल नंबर के आधार पर दबोचा गया। दोनों के मोबाइल भी पुलिस ने जब्त कर लिए हैं। दोनों आरोपियों ने 11 से से 18 मई के बीच तीन बार ट्वीट कर ट्रेनों को रुकवाया था।
एसपी निवेदिता गुप्ता के मुताबिक 18 मई 2022 को ट्वीटर के माध्यम से सूचना मिली थी कि ट्रेन नंबर 19092 गोरखपुर-ब्रांदा एक्सप्रेस में बम रखा है। इस समय गाड़ी उज्जैन स्टेशन पर खड़ी थी। सूचना के बाद तत्काल जीआरपी, आरपीएफ और बम स्क्वाड की टीमों को मौके पर भेजा गया। यहां छानबीन के बाद सूचना झूठी निकली।
पुलिस ने सायबर टीम की मदद से सूचना देने वालों की जानकारी निकाली। यह ट्वीट मिलन पुत्र संतलाल रजक निवासी सुभाष नगर सांताक्रुज ईस्ट मुंबई और उसके साथी प्रमोद पुत्र विनोद माली शिवाजी नगर मुंबई ने किया था। पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया है।
8 दिनों में तीन बार किया ट्वीट, लोकेशन महाराष्ट्र में मिली
आरोपियों ने 10 दिनों में तीन बार झूठी सूचना दी थी। उन्होंने सूरत, गुजरात, गोरखपुर, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र में यह सूचनाएं भेजी जा रही थीं। दोनों आरोपियों की तीन राज्यों की पुलिस तलाश कर रही थी। जिसमें आरोपियों की लोकेशन ट्रेन में ही उज्जैन में मिली थी।
परिवार से जल्दी मिल सकें इसलिए करते थे झूठा ट्वीट
आरोपियों ने बताया कि गोरखपुर-बांद्रा के बाद मुंबई जाने वाली अगली ट्रेन काफी देर से आती थी। बम की अफवाह होने के कारण इसके पीछे आ रही दूसरी ट्रेनों को भी साफ नहीं करना पड़ता था और चैकिंग होने के बाद वे गोरखपुर-बांद्रा ट्रेन से ही मुंबई निकल जाते थे।
वह अपने परिवार के लोगों से मिलने के लिए ट्रेन लेट करवाते थे। ताकि एक से दो घंटे तक ट्रेन स्टेशन पर रूकी रहे। जीआरपी एसपी निवेदिता गुप्ता ने बताया आरेापियों ने 11 मई की सुबह को पहली बार झूठी सूचना दी थी। उन्होंने बताया था कि किसी कोच में बम रखा है। यात्रियों को बचाया जाए। उस समय ट्रेन रतलाम स्टेशन पर थी। लेकिन अफवाह झूठी होने पर इसे सायबर पर जानकारी निकाली गई। इसके बाद 11 की रात में बड़ोदरा में भी रात में इसी तरह की सूचना दी गई। इसके बाद 18 को जैसे ही ट्रेन उज्जैन पहुंची तो वहां से फिर से ऐसा ही ट्वीट किया गया। इसके बाद टीम को फोटो शेयर कर टीम को एक्टीव किया गया। रजत के पकड़ाने पर उसने अपने दोस्त प्रमोद की जानकारी दी। आरोपी अपनी शिफ्ट बचाने के लिये इस तरह का कृत्य करते थे।