उज्जैन। 11 साल पहले 500 किसानों को बीज उत्पादक बताकर 10 करोड़ का चुना लगाने वाले बीज घोटाले के मुख्य आरोपी को बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया । आर्थिक अपराध शाखा ने महानंदा नगर स्थित घर से उसे गिरफ्तार किया है। जिले के करीब 500 से ज्यादा किसानों के नाम से कागजों पर ही हजारों क्विंटल बीज उगवा दिया और कागजों पर ही इसका प्रमाणीकरण करवा कर किसानों को बेच दिया।
महानंदा नगर निवासीलोकेंद्र सिंह राजपूत को बुधवार सुबह आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। लोकेंद्र सिंह राजपूत वरदान सीड्स एंड एग्रोटेक के नाम से कंपनी चलाता है। मक्सीरोड स्थित पुरानी डालडा फैक्ट्री के गोदाम को किराए पर लेकर लोकेंद्र सिंह ने यहां बीज का स्टाक किया हुआ था। 11 साल पहले 11 मार्च 2011 को जिला प्रशासन, बीज प्रमाणीकरण विभाग और आर्थिक अपराधा शाखा के अधिकारियों की टीम ने इस गोदाम पर छापामार कार्यवाही की थी। इस कार्यवाही के दौरान करीब 16 हजार क्विंटल बीज स्टाक से कम मिला था।गिरफ़्तारी के बाद जिला न्यायाधीश के निर्देश पर लोकेंद्र सिंह राजपूत को जेल भेज दिया गया है।
बीज का घोटाले की कहानी
बीज बेचने वाली कोई भी कंपनी सरकार के नियमों से किसानों से अनुबंध कर उनसे बीज का उत्पादन कराती है। समय-समय पर बीज प्रमाणीकरण अधिकारी इसकी जांच करते है। उत्पादित बीज प्रमाणित होने के बाद इसे अनाज से लगभग 3 गुना ज्यादा दाम पर बेचा जाता। लोकेंद्र सिंह राजपूत की कंपनी वरदान एग्रोटेक ने भी 2011 में जिले के लगभग 500 किसानों के साथ बीज उत्पादन का अनुबंध दर्शाया था।कागजों पर किसानों को बीज उत्पादक बताया गया और बाजार से अनाज खरीदकर उसे बीज के रूप में पैक कर तीन गुना ज्यादा दाम पर बेच दिया गया।
सूचना के आधार पर आर्थिक अपराध शाखा और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कंपनी द्वारा किराए पर लिए गए गोदाम की जांच की तो यहां उन्हें 24 हजार 840 क्विंटल अनाज मिला। कंपनी द्वारा बताये गए स्टाक में 16 हजार क्विंटल अनाज कम था।
EOW के डीएसपी अजय केथवास ने बताया की वरदान एग्रोटेक कंपनी के मामले में सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारियों के लिए अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है । 124 किसानों के बयान दर्ज किए गए, सभी कागज पर बीज उत्पादक बताए गए लेकिन इन्होंने कभी कंपनी के लिए बीज उगाया ही नहीं था।