उज्जैन। मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के तट पर गंगा दशमी का पर्व मनाया जाता है। इस दौरान हजारों श्रद्धालु शिप्रा तट पर पहुंचकर पूजन-अर्चन करते है। नदी के तट पर स्थित गंगा कुंड में भी पूजन के लिए भीड़ जुटती है। लिहाजा चार दिन पहले ही नगर निगम के अमले ने गंगा कुंड की सफाई का काम शुरू कर दिया है। इस बार गंगा दशहरा का पर्व शिप्रा नदी के किनारे 9 जून को मनाया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। शिप्रा तट स्थित गंगा कुंड का पौराणिक महत्व है। यहां पर हजारों श्रद्धालु गंगा पूजन के उद्देश्य से पहुंचते है। शनिवार को नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने 9 जून को गंगा दशहरा पर्व पर निगम द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर निर्देश दिए कि गंगा दशहरा पर्व पर कार्यक्रम स्थल पर संबंधित झोनल और स्वास्थ्य अधिकारी प्रतिवर्ष की तरह व्यवस्था करे। जिससे श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।शनिवार से रामघाट छोटी रपट पर स्थित गंगा कुंड की सफाई का कार्य नगर निगम द्वारा प्रारंभ किया गया है। सफाई के बाद कुंड की रंगाई पुताई भी की जाएगी।
अन्य घाटों की सफाई का काम शुरू होगा
निगम आयुक्त गुप्ता के निर्देश के बाद निगम के कर्मचारी गंगा कुंड की साफ सफाई, रंगाई पुताई और संधारण कार्य करने के साथ ही रामघाट, दत्त अखाड़ा घाटों की साफ सफाई में जुटेगें। घाट पर पेयजल व्यवस्था, चलित शौचालय, प्रकाश व्यवस्था, निर्माल्य कुंडो की सफाई करने के निर्देश दिए है।
रामघाट पर होता है मुख्य आयोजन
गंगा दशहरा पर रामघाट पर मुख्य आयोजन होता है। यहां पर विराजित मां गंगा की प्रतिमा पर पूजन- अभिषेक के बाद मोक्षदायिनी शिप्रा नदी को सुहाग सामग्री और चुनरी अर्पित की जाती है। मान्यता है कि दशमी तिथि पर ही मां गंगा धरती पर अवतरित होकर आई थी। इस लिए गंगा दशमी पर बढ़े पैमाने पर आयोजन किए जाते है।