सीएमएचओ बोले – यह वायरस कटी फटी त्वचा के जरिए शरीर में प्रवेश करता है

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मंकीपॉक्स एक वाइरल जूनोटिक बीमारी है, जो मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटीबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में पाई जाती है। मंकीपॉक्स के संक्रमित रोगी को सामान्यत: बुखार, रेश और लिम्फ नोड्स में सूजन पाई जाती है। यह रोग पशुओ से मनुष्य में और मनुष्य से मनुष्य में भी फ़ैल सकता है।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया ने जानकारी दी कि यह वायरस कटी फटी त्वचा, (आँख,नाक, कान, मुँह) के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है। संक्रमित व्यक्ति के चकते दिखने से 1-2 दिन पहले तक रोग फ़ैल सकता है। सभी चकतो से पपड़ी गिर न जाये, तब तक रोगी संक्रमित बना रह सकता है।

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