भाजपा-कांग्रेस का फोकस इस बार निकाय चुनाव से ज्यादा पंचायत चुनाव पर है। लेकिन दोनों पार्टियां जिला व जनपद पंचायत के सदस्य पदों पर अधिकृत उम्मीदवार नहीं उतार सकीं। पार्टी से दावेदारी कर रहे सभी नेताओं पर नामांकन जमा करवा दिए। यानी सबकों साधने के लिए सबकों समर्थन दे दिया। अब आखिरी रास्ता नाम वापसी तक का है, बताया जा रहा है कि, दोनों पार्टियां किसी एक चेहरे को अधिकृत कर बाकी से नामांकन वापस करवा लेगी।
आगामी विधानसभा लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा-कांग्रेस पंचायत चुनाव में बड़े ही सतर्कता के साथ निर्णय ले रही है। जिला और जनपद पंचायत सदस्य एवं अध्यक्ष के नामों पर समर्थन को लेकर दोनों ही दलों ने समर्थन की सूची जारी नहीं की। इधर, पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि, मंगलवार को फार्म की जांच के बाद बचे हुए नामों पर मंथन होगा। जो जीताऊ उम्मीदवार होगा उसे समर्थन देंगे, बाकी नेताओं से संपर्क करके नामांकन वापस करवाएंगे।
16 सीट के लिए 110 लोगों ने जमा किए फार्म
जिला पंचायत सदस्य की 16 सीट के लिए आखिरी दिन 69 लोगों ने फार्म जमा किए। इसके पहले 41 लोग नामांकन दाखिल करा चुके थे। कुल 110 लोगों ने फार्म जमा किए। इसमें वार्ड नंबर 2 एससी महिला और वार्ड नंबर 7 में एससी मुक्त में 8 से अधिक फार्म आए। एससी आरक्षित सीट से जीतने वाला अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी करेंगा। इसलिए यहां भाजपा-कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी व निर्दलीयों ने दावा ठोंका है।