पॉवर लिफ्टिंग कंप्टीशन में वंशिका ने जीता गोल्ड बोली- वेटलॉस करते-करते लिफ्टर बन गई, परिवार ने भी किया सपोर्ट

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बैडमिंटन-कराते-कबड्डी के बाद अब धार का नाम पॉवर लिफ्टिंग और बेंच प्रेस जैसे खेलों में रोशन हो रहा है। सबसे मुख्य बात यह है कि ताकत के इस खेल में धार के निसरपुर से कृषक की बेटी वंशिका पाटीदार जिले एवं गांव का नाम रोशन कर रही है। वंशिका ने इंदौर में आयोजित राज्य स्तरीय पॉवर लिफ्टिंग एवं बेंच प्रेस प्रतियोगिता में 237.5 किलो वजन उठाकर दो स्वर्ण पदक हासिल करके गोल्डन गर्ल बनी है। अब वंशिका 5 से 10 जुलाई तक हैदराबाद-तेलंगाना में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में मप्र के दल में सदस्य के तौर पर मप्र का प्रतिनिधित्व करेगी। पॉवर लिफ्टिंग इंडिया के मार्गदर्शन एवं मध्य प्रदेश पॉवर लिफ्टिंग एसोसिएशन के तत्वाधान में इंदौर कॉरपोरेशन पॉवर लिफ्टिंग एसोसिएशन द्वारा 4 एवं 5 जून को आयोजित राज्य स्तरीय इक्विप्ड पॉवर लिफ्टिंग एवं बेंच प्रेस प्रतियोगिता में ट्रेनर दीप शाह कुक्षी के मार्गदर्शन में जिला धार का प्रतिनिधित्व करते हुए वंशिकाने 63 किलोग्राम जूनियर वूमन वर्ग में 77.7 किलों की स्क्वाट, 50 किग्रा की बेंच प्रेस और 110 किग्रा की डेडलिफ्ट लगाते हुए कुल 237.5 की.ग्रा. वजन उठाया।

वेटलॉस करने जिम गई बन गई पॉवर लिफ्टर

धार की उभरती पॉवर लिफ्टर खिलाड़ी वंशिका पाटीदार की इस खेल के प्रति झुकाव की कहानी दिलचस्प है। कहते है जो किस्मत में होता है उसके लिए रास्ते बन जाते है। वंशिका ने कभी नहीं सोचा था कि वह खिलाड़ी के तौर पर अपना केरियर बनाने का लक्ष्य साधेगी। पॉवर लिफ्टर बनने की कहानी 4-5 साल पहले ही शुरु हुई है। दरअसल वंशिका का वजन आम लड़कियों की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ गया था। बढ़ते वजन को देखकर कृषक पिता प्रदीप पाटीदार अपनी बेटी को वेटलॉस करने के लिए कहते थे। वंशिका ने डाईटिंग की उसे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। इसके बाद उसने जिम और डाईटिंग दोनों के माध्यम से अपना वजन घटाने का निश्चय किया। गांव में जिम नहीं था तो जिम करने के लिए कुक्षी जाने लगी। जिम में व्यायाम के बाद वजन घटने लगा। इस दौरान वंशिका ने जूड़ो-कराते का प्रशिक्षण हासिल किया।

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