जमीन के सौदे में महिला के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में जेल में बंद कॉलोनाइजर अनूज उर्फ भोला तिवारी की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। तिवारी के साथ उनके सहयोगी नवीन जोशी की जमानत का भी आवेदन कोर्ट के समक्ष रखा गया था।
कोर्ट ने अपर लोक अभियोजक शरद पुरोहित द्वारा जमानत के विरोध में रखे गए तर्क से सहमत होते हुए जमानत मिलने पर दस्तावेजों में छेड़छाड़ और गवाहों को धमकाने के अंदेशे को स्वीकार करते हुए आवेदन निरस्त किया है। आरोपी तिवारी सरेंडर करने के बाद से धार जेल में बंद है। कोर्ट से जमानत निरस्त होने के बाद अब उच्च न्यायालय से उम्मीदें रह गई हैं।
दरअसल, ज्ञानपुरा में पैतृक जमीन खरीदी में तिरला पुलिस ने फरियादी महिला ज्योति बाई की शिकायत पर तिवारी एवं उनके साथी नवीन जोशी सहित चार अन्य लोग जो रिश्ते में महिला के भाई है, उन्हें भी आरोपी बनाया था। इस मामले में पुलिस तिरला पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था। प्रकरण दर्ज करने के बाद हुई जांच में पुलिस ने धारा बढ़ाई थी। इस मामले में महिला ने बताया था कि नवीन जोशी एवं अनुज उर्फ भोला तिवारी व अन्य सहअभियुक्तगण ने मिलकर व षड़यंत्र करके अभियोगी ज्योतिबाई के नाम से 100 रुपए का स्टाम्प क्रय कर अभियोगी के कूट रचित हस्ताक्षर बनाकर आपसी पारिवारिक समझौता लेख तैयार करवाने व उस पर बलपूर्वक डरा-धमका कर हस्ताक्षर कराए थे।
महिला को बाउंसरों के माध्यम से डराया-धमकाया भी था। इस मामले में पुलिस ने कुट रचित दस्तावेज हस्तलेख विशेषज्ञ को जांच के लिए भेजे है। इधर, आरोपी तिवारी की इसके पूर्व भी नौगांव थाना क्षेत्र में दर्ज धोखाधड़ी एवं अन्य धाराओं के प्रकरण में कोर्ट से जमानत आवेदन खारिज हो चुका है।