कुंडम जनपद के मखरार गांव में रहने वाले दिव्यांग छात्र की समस्या सुनकर कलेक्टर भी घुटनों पर उसके साथ बैठ गए। दिव्यांग छात्र कक्षा 10 वी में पढ़ता है जो कि रोजाना 5 किलोमीटर का सफर तय कर स्कूल जाया करता है। कलेक्टर ने छात्र की समस्या सुनते ही तत्काल उसे ट्राईसाइकिल उपलब्ध करवाई। इतना ही नही ट्राइबल असिस्टेंट कमिश्नर को बुलाकर निर्देश दिये कि तत्काल छात्र का नजदीकी छात्रावास में एडमिशन करवाया जाए।
पिता के कंधे में छात्र को देख कलेक्टर ने पूछा क्या हो गया
कुंडम तहसील के मखरार गांव में रहने वाला छात्र सुखेंद्र सिंह अपने पिता के कंधे में बैठकर 70 किलोमीटर दूर जबलपुर कलेक्ट्रेड पहुंचा। जहां पर की कलेक्टर ने छात्र की समस्याओं का ना सिर्फ समाधान किया बल्कि उसके लिए भोजन की व्यवस्था भी करवाई। छात्र ने बताया कि अपने गांव से स्कूल के लिए उसे 5 किलोमीटर तक का सफर करना पड़ता है। कभी बस से तो कभी जीप से छात्र सुकरन को मखरार से मड़ई गाँव तक पढ़ने के लिए आना पड़ता है। कई बार तो ऐसे हालात बने कि सुकरन को मड़ई गाँव से बस नही मिलती थी तो वह अपने दोस्त के यहां रुक जाता था।
सुकरन की कलेक्टर ने देखी मार्कसीट- कहा अच्छे से पढ़ाई करो
अपने पिता के कंधे पर बैठकर 70 किलोमीटर दूर आए सुकरण अपनी समस्या कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को बता रहा था तो उसे सुनने वह भी उसके साथ घुटनों पर बैठ गए। कलेक्टर ने सुकरण की मार्कशीट भी देखी और थोड़ी सी नाराजगी भी जताई। कलेक्टर ने कहा कि अच्छे से पढ़ाई करो क्योंकि आपके नंबर बहुत ही कम है। छात्र ने कलेक्टर को भरोसा दिया है कि वह पढ़ाई करते हुए अच्छे नंबरों से पास भी होगा।
ट्राईसाइकिल पाते ही खुश हो गया सुकरन
सुकरन मरावी को कुंडम तहसील से ट्राईसाइकिल मिली थी पर रोड़ खराब होने के कारण दो साल में ही वह खराब हो गई। कलेक्टर के निर्देश पर सामाजिक न्याय विभाग से सुकरन को ट्राईसाइकिल उपलब्ध करवाई गई है। इसके अलावा गाँव तक भेजने की भी व्यवस्था कलेक्टर न सुकरन मरावी और उसके पिता के लिए करवाई। पढ़ने के लिए छात्रावास की मांग लेकर कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी के पास पहुँचे सुकरन मरावी को तुरंन्त ही ट्राईसाइकिल उपलब्ध करवाई गई। ट्राईसाइकिल पाते ही सुकरन का चेहरा खुशी से झूम उठा। ट्राइबल कमिश्नर मोहित भारती ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर कुंडम छात्रावास में बच्चे का एडमिशन भी करवाया जा रहा है