सरस्वती शिशु मंदिर आगर-मालवा निरंतर अभ्यास ही सफलता का मूलमंत्र है

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आगर–मालवा ( दुर्गाशंकर टेलर ) / एक आचार्य विश्वामित्र राजा से अपने बालकों को मांग कर के समाज और राष्ट्र के लिए तैयार करने की दृष्टि से उन्हें तैयार करते हैं और उन्हें विभिन्न प्रकार की विविध कलाओं की प्रतियोगिताओं में सम्मिलित कराते हैं, उन्हीं में से एक राजा जनक द्वारा आयोजित धनुष तोड़ने की प्रतियोगिता होती है इस प्रतियोगिता में तैयार करने की दृष्टि से आचार्य विश्वामित्र अपने विद्यार्थियों को लेकर के जाते हैं उन्हें देखकर जनमानस यह कहने लगता है कि यह छोटे छोटे राजकुमार क्या इस प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगे यहाँ तो कई और महारथी लोग आए हैं जो इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं । हमें नहीं लगता कि यह इस प्रतियोगिता के योग्य है । छोटे राजकुमार बड़े राजकुमार से यह कहते हैं यदि मुझे प्रभु की आज्ञा हो जाए तो मैं पूरे ब्रह्मांड को भी सामान्य गैंद की तरह उठा सकता हूं, वहीं बड़े राजकुमार बहुत विनम्रता से अपनी सफलता का श्रेय गुरु की कृपा वह उनके आशीर्वाद को देते हैं । आपको अपनी असफलता से निराश होने की आवश्यकता नहीं है। कड़ा परिश्रम कर अगली बार जब आएंगे तो निश्चित ही विजयश्री आपके चरण चूमेगी । प्रयास करते रहे निरंतर अभ्यास और परिश्रम ही सफलता का मूलमंत्र है । उक्त कथन प्रांतीय संस्कृति महोत्सव के मुख्य अतिथि श्री सुंदर लाल जी शर्मा ( सह प्रांत प्रमुख, सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मालवा प्रांत ) ने अपने उद्बोधन में बच्चों को संबोधित करते हुए कहा । स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर आगर में चल रहे प्रांतीय संस्कृति महोत्सव के समापन पर आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह का शुभारंभ मंचासीन अतिथि श्री रसेष जी राठौर (सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मालवा के सदस्य एवं प्रांतीय आईसीटी प्रमुख), श्री अंबिका दत्त जी कुंडल ( प्रांतीय आयाम प्रमुख संस्कृति बोध परियोजना क्षेत्रीय संयोजक), श्री सत्यनारायण जी शर्मा ( प्रांतीय शिशु वाटिका संयोजक ), श्री महेंद्र जी चंदेल ( प्रांतीय ए.टी.एल. संयोजक ), श्री राकेश जी जोशी ( विभाग समन्वयक शाजापुर ) डॉ. बालकृष्ण जी सोलंकी ( अध्यक्ष, श्री बैजनाथ महादेव नारी एवं बाल कल्याण समिति आगर ) ने सरस्वती पूजन व दीप प्रज्ज्वलित कर किया । अतिथि परिचय श्री अरुण जी शर्मा (प्रधानाचार्य, मक्सी) ने दिया स्वागत श्री प्रवीण जी पाराशर (प्राचार्य, आगर) श्री बृजेश जी शर्मा (प्रधानाचार्य, साल्या खेड़ी) श्री मोहित जी पंवार (प्राचार्य) श्री अनिल जी शर्मा (प्राचार्य) ने किया । संस्कृति महोत्सव का प्रतिवेदन श्री राकेश जी जोशी ने प्रस्तुत किया । सरस्वती शिशु मंदिर आगर के बच्चों ने भी बाजी मारी जिनमें तरुण वर्ग की रंगोली प्रतियोगिता में बहन भावना गवली ने प्रथम, टीना मालवीय ने स्वरचित कविता में प्रथम, बहन नीतू सोनी ज्योत्सना प्रजापति हर्षिता सोनी ने तरुण वर्ग में वंदे मातरम गीत में प्रथम स्थान अर्जित किया । इसी प्रकार बाल वर्ग के वंदेमातरम् गीत में बहन प्रिया सोनी, सुहानी बाथम, नंदनी कच्छावा ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया व स्वरचित कविता में प्रियांशु सोनी, व्यक्तिगत गीत में अंजली वर्मा तथा शिशु वर्ग की निबंध प्रतियोगिता में महेंद्र कुशवाह ने द्वितीय स्थान अर्जित किया । कार्यक्रम की आकर्षक प्रस्तुतियों प्रदर्शन भी मंच पर किया गया जिनमें प्रमुख भजन खंडवा की त्रिवेणी विश्वकर्मा, रतलाम के नागेश पारस ने तबला वादन पर प्रस्तुति दी इंदौर की रेणुका जोशी ने शास्त्रीय नृत्य तथा मंदसौर की महक गंधर्व ने व्यक्तिगत गीत प्रस्तुत किया ।
संचालन कृष्णपाल सिंह चौहान ने किया आभार श्री राकेश जी दुबे प्राचार्य इंदौर ने माना ।
जानकारी अरविन्द सक्सेना मिडियाप्रभारी

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