भोपाल। प्रदेश में कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने के लिए पुलिस एक और नया प्रयोग करने जा रही है। लोगों को मौके पर ही पुलिस सहायता उपलब्ध कराने के लिए चल रहे डायल-100 वाहनों के एकीकृत काल सेंटर को वल्लभ भवन के सिचुएशन रूम से भी जोड़ा जाएगा।
साथ ही अन्य सार्वजनिक स्थलों पर पुलिस-प्रशासन द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरों को भी काल सेंटर से जोड़ा जाएगा। इन कैमरों के फुटेज यहां पर भी देखे जा सकेंगे। इसका लाभ यह होगा कि कोई घटना होने पर तुरंत पुलिस बल भेजा जा सकेगा।
पुलिस के क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) को भी इससे संबद्ध किया जाएगा सीसीटीएनएस में एफआइआर, विवेचना और फोटो अपलोड किए जाते हैं। ऐसे में इससे जुड़ने के बाद किसी अपराधी का जल्दी रिकार्ड निकाला जा सकेगा।
डायल-100 के नए स्टेट कंट्रोल रूम (काल सेंटर) में यह सुविधाएं होंगी। नई कंपनी आने के साथ ही दो माह में यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। कंपनी के चयन की प्रक्रिया चल रही है जो एक सप्ताह में पूरी होने की उम्मीद है। इसके लिए तकनीकी निविदा खोली जा चुकी है। जिसमें दो कंपनियों का चयन हुआ है। वित्तीय निविदा खुलनी है। इसमें कम दर पर वाहन संचालन को तैयार कंपनी को ठेका दिया जाएगा।
प्रदेश में डायल-100 वाहनों का संचालन बीवीजी कंपनी कर रही है। कंपनी का कार्यकाल पांच वर्ष का था जो दिसंबर 2020 में पूरा हो चुका है। नई कंपनी का चयन नहीं हो पाने की वजह से छह-छह माह के लिए चार बार कंपनी को सेवा विस्तार दिया जा चुका है।
अभी प्रदेश में एक हजार डायल-100 वाहन चल रहे हैं। नई कंपनी के आने के बाद क्रमबद्ध तरीके से वाहनों की संख्या बढ़ाकार दो हजार की जाएगी। प्रति वर्ष दो सौ वाहन बढ़ाए जाएंगे। शहरी क्षेत्र में सफारी की जगह इनोवा और ग्रामीण क्षेत्र में बोलेरो वाहन चलेंगे।
नई कंपनी आने पर यह सुविधाएं बढ़ेंगी।
- – जीपीएस के माध्यम से फोन करने वाले की सही लोकेशन ली जाएगी। इसके लिए निजी मैप प्रोवाइडर की मदद ली जाएगी।
- -काल सेंटर में फोन उठाने वालों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
- – ऐसी सुविधा रहेगी, जिसमें फोन करने वाले का नंबर डायल-100 के पुलिसकर्मियों को पता नहीं चलेगा।
- -इसका मोबाइल एप भी बनाया जाएगा।
- – पैनिक बटन, एसएमएस, इंटरनेट मीडिया से जानकारी मिलने पर भी डायल-100 वाहन मौके पर भेजे जा सकेंगे।