ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर “पार्टीगेट” मामले को लेकर मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। वहीं ब्रिटिश सांसद अगले हफ्ते बोरिस जॉनसन से पूछताछ करेंगे कि क्या उन्होंने पार्टीगेट के बारे में गलत जानकारी दी थी।
वहीं इस पूछताछ के बाद जो जांच होगी वह संसद के सदस्य के रूप में उन्हें हटाने का कारण बन सकता है।
हालांकि बोरिस जॉनसन ने संसद में बार-बार इस बात से इनकार किया कि उन्होंने या उनके कर्मचारियों ने डाउनिंग स्ट्रीट में भीड़ इकट्ठा करके किसी भी तरह का कोरोना लॉकडाउन कानूनों का उल्लंघन किया है। लेकिन पुलिस ने एक आपराधिक जांच के बाद दर्जनों सहयोगियों पर जुर्माना लगाया और जॉनसन ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री बने, जिन्हें एक सभा में कानून तोड़ते हुए पाया गया।
सुनवाई 22 मार्च को होगी
लॉकडाउन उल्लंघनों और अन्य घोटालों के आरोपों में घिरे रहने के बाद बोरिस जॉनसन ने जुलाई 2022 में प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। संसद की विशेषाधिकार समिति ने एक बयान में कहा कि बोरिस जॉनसन ने सार्वजनिक रूप से मौखिक साक्ष्य देने के लिए समिति के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। सुनवाई 22 मार्च को होगी।
आठ महीने के काम के बाद इस महीने की शुरुआत में जारी एक अंतरिम रिपोर्ट में, समिति ने कहा कि अब तक हाउस ऑफ कॉमन्स में बोरिस जॉनसन की बेगुनाही की दलीलों को कम करके आंका गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सबूत बताते हैं कि जॉनसन ने कोरोना लॉकडाउन का उल्लंघन किया जब वह सभाओं में थे।
क्या है पार्टीगेट घोटाला
जब कोरोनावायरस अपने चरम था तो ब्रिटेन में पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया था। इसी लॉडाउन के बीच बोरिस जॉनसन का 56वां बर्थडे मनाया गया था और पार्टी का आयोजन उनकी पत्नी कैरी ने किया था। वहीं कोरोना लॉकडाउन प्रतिबंधों के मुताबिक पार्टी या किसी भी तरह के आयोजन की अनुमति नहीं थी साथ ही किसी कार्यक्रम में दो से ज्यादा एक जगह लोगों के शामिल होने की मंजूरी नहीं थी, लेकिन फिर भी इस कार्यक्रम में करीब 30 लोग शामिल हुए। जॉनसन और उनके कर्मचारियों ने जमकर पार्टी की। इसी घटना को पार्टीगेट घोटाला के नाम से जाना जाता है।