मध्य प्रदेश के इंदौर में रामनवमी को हुए हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है। 18 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें से 2 लोगों को छुट्टी दे दी गई है। एक शख्स अब भी लापता है। घटनास्थल पर मौजूद सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें खोज और बचाव अभियान चला रही हैं।
बता दें कि रामनवमी के अवसर पर गुरुवार सुबह बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में एक अनुष्ठान का आयोजन किया गया था। इस दौरान भारी भीड़ के कारण एक ‘बावड़ी’ (कुएं) को ढंकने वाला स्लैब टूट गया। बावड़ी को ढकने के लिए लोहे की छड़ों के सहारे ढ़लाई कर कुएं की छत का निर्माण किया गया था।
इंदौर हादसे में अब तक के बड़े अपडेट्स
- इंदौर संभाग के आयुक्त पवन शर्मा के मुताबिक, उन्होंने अब तक 35 शव बरामद किए हैं और 18 लोगों को रेस्क्यू किया है। 18 लोगों में से 16 का इलाज चल रहा है जबकि दो ठीक हैं। साथ ही, दो लोग लापता हैं और उन्हें खोजने के लिए तलाशी अभियान जारी है।
- बचाव अभियान में 140 लोगों की टीम लगी हुई है, जिसमें सेना के 75 जवान शामिल हैं। इंदौर संभाग के आयुक्त ने कहा कि शेष को बचाने के प्रयास जारी हैं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना को लेकर अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘इंदौर में हुए हादसे से बेहद दुखी हूं। सीएम शिवराज चौहान से बात की और स्थिति की जानकारी ली। राज्य सरकार बचाव और राहत कार्य में तेजी से आगे बढ़ रही है। सभी प्रभावितों और उनके परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी घटना को लेकर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि इंदौर में हुए हादसे में कई लोगों के निधन के समाचार से मुझे गहरा दुःख हुआ है। सभी शोक-संतप्त परिवारों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदनाएं व्यक्त करती हूं तथा घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।
- इंदौर पुलिस आयुक्त मकरंद देओस्कर ने बताया कि महू से सेना की एक टीम आई है और एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ खोज और बचाव अभियान चला रही है।
- इंदौर के एक निजी अस्पताल के ऑपरेशन हेड मार्गरेट रॉय गोरीनाथ ने बताया कि 21 घायलों को यहां लाया गया था, जिनमें से 3 की मौत हो गई थी। 6 को आईसीयू में शिफ्ट किया गया है। घायलों के हाथ-पैर में चोट, फ्रेक्चर है। यहां 3 बच्चों को भी लाया गया है। सभी मरीजों पर नजर रखी जा रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिए घटना के जांच के आदेश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और यह भी पता लगाने का आदेश दिया कि कुएं पर मंदिर बनाने की अनुमति कैसे दी गई? उन्होंने पीड़ितों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और प्रत्येक घायल व्यक्ति को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। वहीं, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से भी मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।
समय- दोपहर 12 बजे, 40 फीट गहरी बावड़ी में गिरे 60 से ज्यादा लोग
इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में गुरुवार सुबह से लोगों का जुटना शुरू हो गया था। रामनवमी के मौके पर यहां हवन-पूजन का आयोजन किया गया था। मंदिर के आसपास के इलाकों (सर्वोदय नगर, पटेल नगर और स्नेह नगर) से भारी संख्या में लोग यहां पहुंचे थे।
पूजा के दौरान मंदिर में अंडरग्राउंड बावड़ी की छत अचानक धंस गई, जिससे 60 से ज्यादा लोग बावड़ी में गिर गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बावड़ी की गहराई लगभग 40 फीट है। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने रेस्क्यू अभियान चलाया और कुछ लोगों को तत्काल रस्सियों के सहारे निकाला भी गया।
पानी की वजह से आई रेस्क्यू में दिक्कत
40 फीट गहरी बावड़ी में पानी होने की वजह से रेस्क्यू में दिक्कतें आईं, हालांकि इस दौरान लगातार मोटर पंप के जरिए पानी को निकाला गया और रेस्क्यू चलाया गया। फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। आर्मी ने भी मोर्चा संभाल रखा है। इसके अलावा SDRF, NDRF, आर्मी की टीम, पुलिस और प्रशासन रेस्क्यू में जुटी हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या बताया?
हादसे के दौरान मंदिर परिसर में मौजूद एक पुजारी ने बताया कि गुरुवार को रामनवमी के मौके पर दोपहर 12 बजे भगवान राम की आरती की तैयारियां चल रही थी। इसी दौरान अचानक बावड़ी की छत धंस गई और 50 से 60 लोग समेत मैं भी 40 फीट गहरी बावड़ी में गिर गया। पुजारी ने कहा कि मुझे तैरना आता था और मैं किसी तरह बाहर आया।