भोपाल। मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा-कांग्रेस के साथ विपक्षी गठबंधन इंडिया के दूसरे दलों ने भी ताल ठोंकना शुरू कर दिया है। इसका सबसे ज्यादा असर विपक्षी गठबंधन इंडिया पर पड़ता दिख रहा है। मप्र विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन इंडिया की साझेदार अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने अपने उम्मीदवार चुनाव में उतारने का ऐलान कर दिया है। हम बता दें कि पहले कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन को लेकर विवाद हुआ था। जिसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि कांग्रेस ने हमारे साथ धोखा किया है। इस बीच नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने भी अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिया है। इसे विपक्षी गठबंधन इंडिया को बड़ा झटका माना जा रहा है।
हम बता दें कि जदयू ने प्रदेश की पांच विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। इसमें पिछोर से चंद्रपाल यादव को, राजनगर से रामकुंवर (रानी) रैकवार को, विजयराघगढ़ से शिवनारायण सोनी को, थांदला सीट से तोलसिंह भूरिया को, पेटलावद से रामेश्वर सिंघार को चुनाव मैदान में उतारा है।
राजनीतिक विज्ञानियों का कहना है कि जिस विपक्षी गठबंधन इंडिया के मुख्य संयोजक के रूप में नीतीश कुमार सभी भाजपा विरोधी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे थे उन्हीं नीतीश कुमार द्वारा मप्र विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीवार उतार देने का फैसला सामान्य नहीं है। अभी तक जदयू के मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में लडऩे की कोई भी जानकारी सामने नहीं आई थी। लेकिन कांग्रेस और सपा के बीच सीट बंटवारे विवाद के बाद अचानक जदयू द्वारा प्रदेश की पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार लड़ाने के ऐलान से विपक्षी गठबंधन इंडिया के टूटने के आसार साफ नजर आने लगे हैं।