शहर में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 50 अस्पतालों को अनुमति दी की गई है। इसकी जानकारी जल्द ही सार्थक एप पर अपलोड की जा रही है। अनुमति प्राप्त किए बगैर कोविड का इलाज तथा निर्धारित दर से अधिक राशि लेने वाले अस्पताल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि पिछली बार एक-एक डॉक्टर द्वारा 10 से 15 विजिट कर चार्जेस वसूले जा रहे थे। इस बार तीन-चार से ज्यादा विजिटिंग न हो और चार्जेस वाजिब हो, इसके लिए प्लान किया जा रहा है।
सोमवार को आईएमए, पीड्रियॉटिक एवं नर्सिंग होम एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक में हुई। अध्यक्षता सांसद शंकर लालवानी ने की। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह, राज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे व एसोसिएशन के पदाधिकारीगण मौजूद थे। इसमें बताया गया कि कोविड के इलाज के लिए प्रोटोकॉल तैयार किया जा रहा है। कलेक्टर ने कहा कि कोविड का इलाज निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार ही किया जाएं। एक समिति बनाकर यह आकलन किया जा रहा है कि कोविड के इलाज में कौन सी दवाइयों की आवश्यकता रहेगी। इसकी उपलब्धता के लिए दवा निर्माताओं और विक्रेताओं के साथ शीघ्र ही बैठक की होगी। बैठक में निर्देश दिए गए कि बगैर अनुमति के कोई भी अस्पताल कोविड का इलाज नहीं करें। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि पूर्व में कोविड के इलाज में अस्पतालों ने बेहतर सहयोग दिया था। इसी तरह का सहयोग तीसरी लहर से निपटने में भी दिया जाए। अस्पताल संचालक अपने यहां सभी आवश्यक संसाधन, सुविधाएं और प्रबंध रखें।