प्रदेश की सबसे बड़े व्यावसायिक शहर इंदौर का सराफा बाजार कोरोना को लेकर अलर्ट हो गया है। यहां रोज आने वाले 35 हजार से ज्यादा लोगों को मास्क के प्रति जागरुक करने के लिए ‘मास्क नहीं तो सामान नहीं’ के फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं बाजार से आने-जाने वालों को 20 से ज्यादा लाउड स्पीकर के माध्यम से मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील कर रहे हैं।
सराफा बाजार को बड़ा सराफा, छोटा सराफा, धान गली, शक्कर बाजार की गलियां जोड़ती हैं। पूरे सराफा बाजार की बात करें तो यहां ढ़ाई हजार दुकानें है। जहां 3 हजार से ज्यादा व्यापारी और इन दुकानों पर काम करने वाला साढ़े सात हजार का स्टाफ है। इनके अलावा 10 हजार बंगाली कारीगर है जो सोने-चांदी की ज्वेलरी तैयार करते हैं।
ऐसे कर रहे कोविड फैलने से रोकने की कोशिश
सराफा बाजार में कोविड संक्रमण न फैले और व्यापारी इसकी चपेट में न आएं। इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यहां व्यापारियों को उनके स्टाफ को मास्क लगाने को कहा है। बिना मास्क के कोई भी व्यापारी दुकान पर न बैठे यह भी समझाइश दी गई है। व्यापारियों के अलावा ग्राहकों को भी मास्क लगाकर ही दुकान में एंट्री दिए जाने के लिए कहा है।
20 लाउड स्पीकरों से रोज अनाउंसमेंट
इंदौर सोना-चांदी जेवरात व्यापारी एसोसिएशन के प्रचार मंत्री अजय लाहोटी ने कहा सराफा बाजार में छोटा सराफा, बड़ा सराफा, धान गली, शक्कर बाजार क्षेत्र में 20 से ज्यादा लाउड स्पीकर लगे हैं। एसोसिएशन के ऑफिस पर अनाउंसमेंट की व्यवस्था की गई है। यहां पर एक व्यक्ति रोजाना अलग-अलग समय पर व्यापारियों को, स्टाफ को, ग्राहकों को मास्क लगाने के लिए अनाउंसमेंट करते है।
अभी तक कोई पॉजिटिव नहीं – प्रचार मंत्री
उन्होंने कहा कि अभी तक किसी व्यापारी के पॉजिटिव होने की सूचना नहीं है। अगर कोई पॉजिटिव हो गया हो और उस वजह से न आ रहा हो तो कहना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन प्रयास यहीं है कि सराफा बाजार में कोविड के इस बढ़ते संक्रमण की चपेट में सराफा व्यापारी और उनके यहां काम करने वाला स्टाफ पॉजिटिव न हो।
इसलिए कर रहे चिंता –
- 35 हजार से ज्यादा लोग रोज यहां से निकलते हैं।
- 3 हजार व्यापारी हैं सराफा में
- 7500 से ज्यादा स्टाफ है दुकानदारों के यहां
- 10 हजार बंगाली कारीगर हैं
- 3 हजार से ज्यादा कोरोना मरीज निकल रहे रोज