शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के साथ ही अब खान-पान के ठीयों के बाहर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए यातायात पुलिस रविवार से अभियान शुरू करने जा रही है।
इस अभियान के तहत खान-पान के ठीयों के आसपास गाड़ी खड़ी करने वालों पर चालानी कार्रवाई कर गाड़ियां जब्त की जाएगी। छह अलग-अलग क्यूआरएस टीम को भी अलर्ट किया गया है। सूबेदारों को महत्वपूर्ण जवाबदारी सौंपी गई है
डीसीपी ट्रैफिक महेशचंद्र जैन ने बताया कि शाम के वक्त बाजारों में खान-पान के ठीयों पर लगने वाली भीड़ और गलत तरीके से गाड़ियां पार्क करने वालों को सबक सिखाने के लिए मुहिम शुरू की जा रही है। अब पुलिस ऐसी गाड़ियों को क्रेन से उठाकर सीधे ट्रैफिक थाने ले जाएगी और जुर्माना वसूलने के बाद ही गाड़ियों को छोड़ा जाएगा। इसके अलावा हर थाना क्षेत्र में सूबेदार और अधिकारियों को चौराहें की जवाबदारी सौंपी गई है। क्यूआरएस की छह टीमें चार एडीशनल डीसीपी के साथ-साथ एडीशनल डीसीपी के प्रभार में काम करेंगी। किसी भी क्षेत्र में सड़क दुर्घटना होने पर यह टीम मौके पर पहुंचेगी। इस दौरान वे दुर्घटना का कारण जानेंगी।
ग्रामीणों के चालान पोस्ट कर भेज रही घर – ट्रैफिक पुलिस की तरफ से जो चालान घर पहुंचाए जा रहे हैं, उसमें सूबेदार स्तर के अफसर तो हाथों-हाथ जुर्माना भरवा कर रसीद भी दे रहे हैं। चालान का जुर्माना जमा कराने के लिए कुछ लोग थाने पहुंच रहे हैं, जबकि वे पड़ोस के किसी भी चौराहे पर सूबेदार से रसीद कटवा सकते हैं। कैमरे लगे चौराहों से कमिश्नरी लागू होने के बाद शहरी इलाके के चालान ही पुलिस घर-घर लेकर जा रही है। ग्रामीण इलाकों के चालान अलग हैं। इन्हें डाकघर के माध्यम से भेजा जाता है। इन्हें शामिल कर लिया जाए, तो शहर में कैमरे लगे 28 चौराहों पर सिग्नल तोड़ने वालों की तादाद ज्यादा होगी।