209 अवैध कॉलोनियों में मकान बनाने की अनुमति दी, लेकिन रजिस्ट्री रोक दी

0
101

पंजीयन विभाग को भेजे नगर निगम के एक पत्र से हजारों लोग परेशानी में।

राजधानी की 209 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहां मकान बनाने की अनुमति भी मिल गई है, रजिस्ट्रियां रोक दी गईं। इसकी वजह नगर निगम द्वारा पंजीयन विभाग को भेजा गया पत्र है। इसमें बताया गया है कि इन कॉलोनियों से नगर निगम को विकास शुल्क नहीं मिला है। अब पंजीयन विभाग इस पत्र का हवाला देकर रजिस्ट्री कराने के लिए आने वालों को लौटा रहा है।

पंजीयन विभाग के अफसरों ने बताया कि औसतन एक कॉलोनी में करीब 200 प्लॉट हैं। कुछ कॉलोनियों में 500 से ज्यादा प्लॉट भी हैं। ज्यादातर में मकान बने हुए हैं। यहां करीब 30 हजार लोग रहते हैं। इन कॉलोनियों में हर महीने 150 से 200 रजिस्ट्रियां होती हैं।

फरवरी में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया को शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद 2 फरवरी को नगर निगम ने इन 209 कॉलोनियों को अवैध से वैध करने के लिए कॉलोनियों के नामों की सूची का प्रकाशन किया था।

24 साल पुरानी ये कॉलोनियां

24 साल पुरानी ये कॉलोनियां कोलार, होशंगाबाद रोड, बैरागढ़, एयरपोर्ट रोड, रायसेन रोड, खजूरीकलां, भानपुर, सेमरा, छोला, करोंद, ऐशबाग, गुलमोहर, बाग सेवनिया, दामखेड़ा, नरेला शंकरी, नयापुरा, बैरसिया रोड, गैस राहत कॉलोनी, विदिशा रोड आदि इलाकों में हैं।

ऐसे समझें- 1000 वर्गफीट पर करीब 36 हजार रुपए भरने होंगे

उदाहरण के लिए होशंगाबाद रोड पर बनी गुलाबी नगर अवैध कॉलोनी में 36 रुपए वर्गफीट डेवलपमेंट चार्ज लिया जाना तय किया गया। इस हिसाब से एक हजार वर्गफीट के प्लॉट पर 36 हजार रुपए

विकास शुल्क जोन दफ्तर में जमा कराने होंगे, जहां से एनओसी मिलने के बाद ही बिल्डिंग परमिशन के लिए अप्लाय कर सकते हैं।

परेशानी- कलेक्टर गाइडलाइन में शामिल नहीं होंगी ये कॉलोनियां

​​​​​​रजिस्ट्री पर रोक के बाद पंजीयन विभाग के अफसरों ने इन कॉलोनियों को 2022-23 की प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन में शामिल नहीं किया। जब तक रोक लगी रहेगी, तब तक ये कॉलोनियां गाइडलाइन से बाहर रहेंगी। इन कॉलोनियों में होने वाली एक रजिस्ट्री से पंजीयन विभाग को करीब 1 से 5 लाख रुपए तक की स्टांप ड्यूटी मिलती है।

बड़ा सवाल- जब सरकार इन कॉलोनियों को वैध करना चाहती है तो फिर नगर निगम ने रजिस्ट्री रोकने को क्यों कहा

नगर निगम द्वारा लिए गए फैसले से आम लोग इन कॉलाेनियों में प्लॉट नहीं खरीद सकेंगे। बड़ा सवाल यह है कि नगर निगम एक तरफ तो इन कॉलोनियों में बिल्डिंग परमिशन देने के लिए लोगों को नोटिस देकर डेवलपमेंट शुल्क जमा करने की बात कह रहा है, वहीं दूसरी तरफ इन कॉलोनियों में नए लोगों द्वारा प्रॉपर्टी खरीदी के रास्ते को बंद कर दिया है।

शायद गफलत के कारण सभी रजिस्ट्रियां रोकी गईं

रजिस्ट्री पर रोक लगाने के लिए पंजीयन विभाग को पत्र लिखा था, लेकिन शायद किसी प्रकार की गफलत के चलते सभी रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी गई है। निगम चाहता है कि वहां कॉलोनाइजर के कुछ प्लॉट या प्राॅपर्टी हो तो उसकी रजिस्ट्री न करें। – नीरज आनंद लिखार, मुख्य नगर निवेशक (सिटी प्लानर) , नगर निगम भोपाल

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here