कम्प्यूटर सेक्शन के जिस रूम मेें बनता है वहां किसी को एंट्री नहीं, बुक पर नहीं होता प्रिंटर का नाम-पता

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केंद्र सरकार का बजट आ चुका है। राज्य का मार्च के पहले सप्ताह में आने वाला है। इसके साथ ही शहर सरकार का बजट भी तैयार होना शुरू हो गया है। शहर सरकार का बजट हमारी आपकी जिंदगी को सीधा प्रभावित करता है, क्योंकि यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से सीधा जुड़ा होता है। केंद्र और राज्य की तरह शहर सरकार का बजट भी गोपनीय तरीके से बनता है।

बजट की गोपनीयता बनाए रखने के लिए बजट न तो आईएसबीटी पर बनता है और न माता मंदिर पर। कंप्यूटर सेक्शन के जिस कक्ष में बजट तैयार होता है, वहां किसी अन्य व्यक्ति को जाने की इजाजत नहीं होती। बजट कहां छपता है, यह बात चुनिंदा लोग ही जानते हैं।

बजट बुक पर प्रिंटर का नाम नहीं होता। फाइनेंस विभाग में कार्यरत अमित मैथ्यूज और कंप्यूटर सेक्शन के प्रभारी अंदलीब वारसी सबसे पुराने कर्मचारी हैं, जो 15 साल से बजट तैयार करने की प्रक्रिया में जुड़े हैं। निगम के रिटायर्ड एडिशनल कमिश्नर अब्दुल रहीम ने दशकों तक बजट तैयार किया।

संपत्ति कर, पानी का बिल और स्वच्छता शुल्क में वृद्धि का प्रस्ताव, लेकिन मंजूरी के आसार कम

निगम बजट में वन सिटीजन-वन बिल जैसे प्रशासनिक सुधार जरूर शुरू हो सकते हैं। लेकिन, यदि बजट की घोषणाओं को देखें तो 1994-99 तक महापौर रहे उमाशंकर गुप्ता ने मनुआभान टेकरी पर भारत माता मंदिर निर्माण की घोषणा की थी। वर्कऑर्डर हुआ, लेकिन काम ठप है। 2010-2015 तक महापौर रहीं कृष्णा गौर के कार्यकाल में रेतघाट से इमामी गेट तक सड़क निर्माण की घोषणा हुई। पूर्व महापौर आलोक शर्मा भूमिपूजन कर चुके हैं, लेकिन सड़क नहीं बनी।

यह बजट भी अफसर ही बनाएंगे और मंजूर करेंगे

यह तीसरा बजट है

2020 में निगम परिषद के भंग होने के बाद यह लगातार तीसरा बजट है, जो अफसर बनाएंगे और अफसर ही मंजूरी देंगे। निगम परिषद होने पर अफसर बजट बनाकर पहले मेयर इन कौंसिल से मंजूर कराते हैं, फिर महापौर परिषद की बैठक में पेश करते हैं, यानी बजट की मंजूरी परिषद से होती है। अब अफसर बजट बना रहे हैं, निगमायुक्त उसे वेरिफाई करेंगे और संभागायुक्त मंजूरी देंगे।

कोलसानी की भूमिका
बजट में एक और खास बात यह भी है कि नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी के लिए भी यह तीसरा बजट हो सकता है। पिछले दो बजट यानी 2020-21 और 2021-22 भी उन्होंने ही तैयार किए थे। आम तौर पर नगर निगम में कमिश्नर का कार्यकाल साल-डेढ़ साल से अधिक नहीं होता, लेकिन कोलसानी जून 2020 से निगम कमिश्नर हैं।

इनमें इजाफे के प्रस्ताव

बजट में संपत्ति कर में 10% वृद्धि करने, पानी का बिल 180 रुपए से 270 रुपए करने और स्वच्छता शुल्क को भी 30 रुपए माह से बढ़ाकर 50 रुपए करने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं। पानी और स्वच्छता के बिलों को भी संपत्ति कर के साथ जोड़ने की बात प्रस्ताव में शामिल है। यानी जहां संपत्ति कर अधिक है, वहां पानी और स्वच्छता शुल्क भी अधिक हो सकता है। लेकिन इनकी मंजूरी आसान नहीं है।

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