जबलपुर में बीके विमला दीदी ने कहा- नई दिशा प्रदान करती है मूल्यनिष्ट शिक्षा

प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय के घड़ी चौक विजयनगर स्थित सेवा केंद्र के द्वारा स्वर्णिम भारत के लिए नई शिक्षा विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।

इस परिचर्चा में मुख्य वक्ता के रूप में अपने आशीर्वचन प्रदान करते हुए वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके विमला दीदी ने कहा कि विधार्थी का मन कोमल मिटटी के समान होता है और उसको शिक्षा देने वाले शिक्षक के ऊपर निर्भर करता है इस मिटटी से किस तरह की आकृति आगे आने वाले समय में बनने वाली है। हमें अपने देश भारत को स्वर्णिम भारत बनाना है तो आने वाली पीढ़ी को चरित्रवान बनाने और नैतिकता की समझ प्रदान करने को शिक्षा प्रणाली में समावेश करना होगा। इसी उद्देश्य से संस्था का शिक्षा प्रभाग देश भर में अनेक विद्यालय और महाविधालयों के साथ मिलकर नैतिक शिक्षा का प्रसार करने का कार्य कर रहा है, जिससे विधार्थियों और शिक्षकों दोनों को स्वप्रबंधन हेतु मेडिटेशन अपनाने की प्रेरणा दी जाती है।

इस अवसर पर डा. मंजरी मिश्रा ने कहा कि विधार्थी देश के भविष्य होते हैं अतः शिक्षकों के ऊपर भविष्य को गढ़ने की जिम्मेवारी होती है और नैतिकता एवं सदाचार की शिक्षा देना और आदर्श नागरिक बनाने में योगदान दे रहे हैं तो स्वयं में भी इन गुणों को धारण करना जरुरी हो जाता है।

डा. कृष्णा नियोगी ने कहा कि इस तरह के आयोजन हमें आत्म अवलोकन का अवसर प्रदान करते हैं और विद्यार्थी और शिक्षकों के बीच में आदर्श व्यवहार करने के लिए समझ का विकास करते हैं। शशिकांत तिवारी ने कहा कि विद्यार्थी काल में प्राप्त शिक्षा ही जीवन भर उस व्यक्ति को हर निर्णय लेने में सहायता देती है। अतः इस समय में नैतिक और चरित्रवान बनाने वाली मूल्यनिष्ठ शिक्षा जीवन की नींव को स्थिरता और शक्ति प्रदान करती है।

इस कार्यक्रम का संचालन बीके पूजा ने किया। आपने बताया कि संस्था के द्वारा नगर के स्कूल कालेजों में स्वप्रबंधन, परीक्षा के भय से निवारण और आत्मविश्वास बढाने के लिए व्याख्यानों का आयोजन किया जा रहा है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles