जिले के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले 9 छात्र यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए थे जिनमें से एक छात्रा शहडोल वापस आ चुकी है और यहां से वह अपने ग्रह ग्राम डिंडौरी के लिए चली गई है।
जबकि 8 छात्र अभी भी शहडोल आने के लिए कतार में हैं। हालांकि प्रशासन इस मामले में स्वजन और सरकार के संपर्क में है।
जिला प्रशासन ने जारी की सूची : शुक्रवार को शहडोल जिला प्रशासन ने जो सूची जारी की है उसके मुताबिक जिले के बुढ़ार कस्बे में रहने वाले ऋषिकेश त्रिपाठी पिता महेंद्र त्रिपाठी, इशांक त्रिपाठी पिता डा. राजेश त्रिपाठी, धनपुरी निवासी प्रथम कुमार प्रजापति पिता हरि प्रजापति, दिव्यांश कुशवाहा पिता भूपेंद्र प्रसाद कुशवाहा धनपुरी, प्रशांत सिंह बघेल पिता गणेश प्रताप सिंह ग्राम खन्नौधी गोहपारू, सत्येंद्र विश्वकर्मा पिता मदन लाल विश्वकर्मा कट्टी मोहल्ला शहडोल, अतुल मिश्रा पिता अशोक मिश्रा निवासी वार्ड क्रमांक 6 भारत माता स्कूल के पास शहडोल, वैभव हिमलेश्वर साहू पिता हिमलेश्वर साहू निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी शहडोल अभी यूक्रेन देश से बाहर अन्य देशों में शरण लिए हुए हैं। अवंतिका नामदेव पिता राजकुमार रामदेव निवासी कालेज कालोनी बुढार वर्तमान में कोणार्क मैरिज गार्डन निवासी डिंडौरी को वापस बुला लिया गया है। अवंतिका नामदेव इस समय डिंडोरी में है।
संपर्क में हैं प्रशासन : यूक्रेन से बाहर दूसरे देशों में फंसे बच्चों को स्वदेश और अपने घर वापस बुलाने के लिए जिला प्रशासन सरकार के संपर्क में है। इसके लिए संयुक्त कलेक्टर दिलीप पांडे को नोडल अधिकारी बनाया गया है। दिलीप पांडेय का कहना है कि एक छात्रा अवंतिका नामदेव वापस आ चुकी है जबकि 8 बच्चे अभी आना बाकी है। दिलीप पांडे ने बताया कि सभी बच्चों के माता-पिता से संपर्क करने के बाद जो सूची बनाई गई है उसके मुताबिक शहडोल जिले के 8 छात्र अभी वापस आना बाकी है जो जल्दी ही भारत अपने घर वापस पहुंचेंगे।