उज्जैन । कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने निर्देश दिये हैं कि उज्जैन जिले में संचालित 14 बाल विकास परियोजनाओं में अतिकुपोषित बच्चों की संख्या एवं उनके वजन की जांच करने के लिये जिला स्तर से दल गठित कर आगामी एक-दो दिन में चिन्हित आंगनवाड़ियों में भेजे जायेंगे। ये दल उनको आवंटित की गई प्रत्येक आंगनवाड़ी में जाकर अतिकुपोषित बच्चों के वजन एवं अब तक किये गये कार्य की पड़ताल करेगा। कलेक्टर ने जनवरी से फरवरी माह में अतिकुपोषित बच्चों की संख्या में हुई वृद्धि के कारण उक्त आदेश जारी किये हैं। कलेक्टर ने महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अतिकुपोषित (SAM) बच्चों की मॉनीटरिंग ठीक से नहीं की जा रही है। यदि यही स्थिति रही तो सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। बैठक में जिला परियोजना समन्वयक श्री गौतम अधिकारी, सहायक संचालक श्री साबिर अहमद सिद्धिकी एवं जिले के सभी परियोजना अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में जानकारी दी गई कि मातृ वन्दना योजना के तहत 2020-21 में 18581 प्रकरण का लक्ष्य था, इसके विरूद्ध 13587 की उपलब्धि प्राप्त की गई है। इसी तरह लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत 9740 के लक्ष्य के विरूद्ध 7799 का लक्ष्य प्राप्त किया गया है। जिले में संचालित 1945 आंगनवाड़ी केन्द्रों में 1899 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की भर्ती की जा चुकी है, 46 पद रिक्त हैं। कलेक्टर ने रिक्त पदों की पूर्ति शीघ्र करने के निर्देश दिये हैं।