प्रदेश का पहला ग्रीन विश्वविद्यालय होगा विक्रम विश्वविद्यालय

उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला ग्रीन विश्व विद्यालय होगा। जो 100 प्रतिशत सोलर प्लांट के माध्यम से बिजली का उत्पादन कर यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग को रोशन करेगा । विश्व विद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन सहित 40 विभाग और अध्ययन शाला में सोलर प्लांट लगेगें। कुलसचिव ने सोलर प्लेट लगाने के लिए ऊर्जा विकास निगम को प्रस्ताव दिया है। विभाग द्वारा प्रस्ताव के आधार पर सर्वे किया जा रहा है। सर्वे होने के बाद सभी बिल्डिंगों में सोलर प्लेट लगाने का काम शुरू होगा। माना जा रहा है कि सोलर प्लांट लगने के बाद करीब डेढ़ सौ किलोवाट बिजली का उत्पादन होगा जिससे विश्वविद्यालय को बिजली के बिल से होने वाले खर्च की बचत होगी।

विक्रम विश्वविद्यालय में मुख्य प्रशासनिक भवन सहित 40 अन्य विभाग व अध्ययनशालाओं के भवन भी है। इन भवनों में बिजली खपत के कारण प्रतिमाह बिजली बिल से डेढ़ से दो लाख तक भुगतान होता है। बिजली के खर्च को बचाने के लिए अब विश्वविद्यालय प्रशासन सभी बिल्डिंग में सोलर प्लांट लगाएगा। कुलसचिव डॉ प्रशांत पौराणिक ने बताया विश्वविद्यालय के माधव भवन सहित अन्य भवनों में सोलर प्लांट के लिए ऊर्जा विकास निगम को प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के आधार पर विभाग के विशेषज्ञ विश्वविद्यालय में दौरा कर सर्वे रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। सर्वे के बाद यह तय होगा कि किस भवन में कितनी बिजली खपत होती है। खपत के आधार पर उस भवन पर सोलर प्लेट लगाकर सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली पैदा की जा सकेगी। सोलर प्लांट से उत्पन्न बिजली विधुत विभाग को दी जाएगी। जिससे विश्वविद्यालय के बिजली बिल की बचत होगी। कुलसचिव डॉ पुराणिक का कहना है कि मौजूदा स्थिति में प्रशासनिक भवन सहित अन्य भवन में प्रतिमाह करीब 15 हजार यूनिट बिजली की खपत होती है। जिसके कारण विश्वविद्यालय को प्रतिमाह डेढ़ से दो लाख रुपए बिजली शुल्क अदा करना पड़ता है। सोलर प्लांट लगने के बाद बिजली के बिल कम होने से विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा ।

करीब सौ किलोवाट उत्पादन का अनुमान

विश्वविद्यालय की 40 बिल्डिंग में सोलर प्लांट लगने के बाद अनुमान है कि करीब सौ किलोवाट बिजली का उत्पादन हो सकेगा। वर्तमान में विश्वविद्यालय के अधीन विक्रम कीर्ति मंदिर भवन की छत पर लगे सोलर प्लांट से 10 किलो वाट और मुख्य प्रशासनिक भवन की एक छत पर लगे सोलर प्लांट से 5 किलो वाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। कुल 15 किलो वाट बिजली सोलर प्लांट के माध्यम से मिल रही है। सभी विभागों में सोलर प्लेट लगने के बाद बिजली उत्पादन होने से दायरा बढ़ जाएगा।

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