सावन – भादौ मास की अंतिम शाही सवारी में 6 स्वरूपों में नगर भ्रमण पर निकले कालों के काल बाबा महाकाल

महाकाल की सावन-भादौ की आखिरी सवारी आज शाम 4 बजे से निकाली जा रही है। महाकाल 6 स्वरूपों में नगर भ्रमण पर निकले हैं। सवारी में 5 बैंड भी शामिल हैं। बैंड मालिक इसका कोई चार्ज नहीं लेते। ये बात भी कम ही लोग जानते हैं कि एक बैंड ‘भारत बैंड’ के साथ मुस्लिम समाज के 30 से ज्यादा लोग बाबा की सवारी में शामिल होते आए हैं। आज भी शामिल हुए हैं।

महाकाल की शाही सवारी राजसी ठाठ-बाठ और वैभव के अनुरूप निकल रही है। देशभर से भक्त रविवार को ही उज्जैन पहुंच चुके थे। सवारी में हाथी, घोड़े, पालकी, भजन मंडली और झांकियां शामिल हैं। 5 बैंड- गणेश बैंड, भारत बैंड, रमेश बैंड, आरके बैंड और राजकमल म्यूजिकल बैंड शामिल हुए हैं। शिप्रा नदी किनारे राम घाट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया महाकाल की सवारी का पूजन करेंगे। इस दौरान वे दत्त अखाड़ा घाट से नाव में बैठकर रामघाट तक पहुंचेंगे।

शाही सवारी का रूट 7 किलोमीटर लंबा है। सवारी 6 घंटे नगर में भ्रमण करने के बाद रात 10 बजे मंदिर के अंदर पहुंचेगी। रजत जड़ित पालकी में भगवान श्री महाकाल श्री चंद्रमौलीश्वर स्वरूप में विराजित हैं। हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा, नंदी रथ पर श्री उमा महेश के मुखारविंद, डोल रथ पर श्री होलकर स्टेट का मुखारविंद और बैलगाड़ी में डोल रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद विराजित हैं।

SP सत्येंद्र कुमार शुक्ल के अनुसार, शाही सवारी के लिए जिले के अलावा अन्य जिलों से करीब 1500 पुलिस अधिकारी और कर्मी व्यवस्था में लगाए गए हैं। सवारी मार्ग पर CCTV कैमरों से नजर रखी जा रही है। जगह-जगह बैरिकेड्स भी लगाए गए हैं। बता दें, सावन-भादौ की ये 7वीं सवारी है। सावन में 5 सवारी और भादौ की 1 सवारी इससे पहले निकल चुकी हैं।

सवारी के दौरान बांटने के लिए 30 क्विंटल खिचड़ी बनाकर बनाया रिकॉर्ड

बाबा महाकाल की शाही सवारी के दौरान बांटने के लिए मां छत्रेश्वरी चामुंडा माता मंदिर भक्त समिति ने 30 क्विंटल खिचड़ी बनाई है। इसी के साथ यह रिकॉर्ड गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज हो गया है।

इस रूट से निकलेगी सवारी

शाम 4 बजे से शुरू होकर शाही सवारी गुदरी चौराहा, कहारवाड़ी, हरसिद्धि पाल से रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर पूजन-अर्चन के बाद शाही सवारी रामानुजकोट, मुंबई वालों की धर्मशाला, गणगौर दरवाजा, खाती समाज का जगदीश मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, कमरी मार्ग, टंकी चौराहा, तेलीवाड़ा, कंठाल, सतीमाता मंदिर, छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर पर पहुंचेगी। यहां सिंधिया स्टेट द्वारा परंपरानुसार पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया जाएगा। उसके बाद सवारी पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, कोट मोहल्ला, महाकाल चौराहा होते हुए मंदिर परिसर पहुंचेगी।

बाबा महाकाल की सवारी निकली जय कारे बोल बम के नारे के साथ

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