लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने OBC और सॉफ्ट हिंदुत्व का दामन थामा है। कोलकाता के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में यूपी की 80 लोकसभा सीट में 50 जीतने का लक्ष्य रखा गया है। इस चुनाव में अखिलेश कांग्रेस के बिना ही राष्ट्रीय राजनीति में खुद को स्थापित करने की तैयारी में हैं।
पॉइंट 1 : 20 साल में जीती हुई सीटों पर ज्यादा फोकस
18 और 19 मार्च को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीट को लेकर मंथन किया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक बीते 20 साल में, जिन लोकसभा सीटों को सपा ने पहले जीता था। उन्हीं सीट को दोबारा जीतने का टारगेट रखा गया है। जातियों में अखिलेश ने OBC की पॉलिटिक्स कर रहे हैं।अखिलेश यादव ने कोलकाता के कालीघाट शक्तिपीठ मन्दिर में दर्शन-आरती की।
पॉइंट 2 : सॉफ्ट हिंदुत्व के सहारे BJP पर हमला
अखिलेश यादव कोलकाता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कालीबाड़ी के मंदिर गए। इस्कॉन मंदिर में कृष्ण भगवान की पूजा की। इसकी तस्वीरें सपा मीडिया सेल से जारी हुईं। ये संकेत था सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ बढ़ते अखिलेश के कदमों का। BJP अखिलेश समेत दूसरे नेताओं को चुनाव के समय ही मंदिर जाने को लेकर घेरती आई है। बीते दिनों विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा घर पर आयोजित भोजन कार्यक्रम में सीएम योगी और अखिलेश यादव की यह तस्वीर बहुत वायरल हुई थी।
पॉइंट 3 : OBC आरक्षण, जाति जनगणना का मुद्दा
जातीय जनगणना कराए जाने की मांग अखिलेश कर रहे हैं। यूपी में 52% OBC वोट बैंक है। OBC बसपा से छिटकने के बाद BJP की तरफ ट्रांसफर हुआ। 2017 के चुनाव से पहले कई OBC के बड़े नेता सपा से टूटकर BJP में शामिल हुए। लोकसभा चुनाव में OBC फैक्टर का प्रमाण उत्तर प्रदेश में सबसे पहले भाजपा ने दिखाया। बीते दो बार लोकसभा और 2 विधानसभा के चुनाव परिणाम में OBC वोट बैंक की भूमिका के साथ अखिलेश यादव यह समझ चुके हैं कि नॉन यादव OBC वोट बैंक को साथ लेकर चलने से ही भाजपा को टक्कर दी जा सकती है। लगातार जातीय जनगणना कराए जाने और आरक्षण को लेकर अखिलेश यादव भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए देखे जा रहे हैं। अखिलेश यादव ने कोलकाता के दौरे पर ममता बनर्जी से मुलाकात की। संदेश यही दिया कि आने वाला चुनाव उनके साथ ही लड़ेंगे।
पॉइंट 4 : मैनपुरी फार्मूला पर 50 सीट जीतने की तैयारी
मैनपुरी लोकसभा सीट में जिस चुनाव प्रबंधन के साथ सपा ने चुनाव लड़ा था उसी तरीके से सभी जिलों में और लोकसभा में टीम गठन किए जाने का लक्ष्य अप्रैल अंतिम तक निर्धारित किया गया है। सपा के पार्टी के सूत्र बताते हैं कि जिले की सभी कार्यकारिणी और समाजवादी पार्टी के सभी विंग अप्रैल के आखिरी तक गठन किए जाने का निर्णय हो चुका है। पार्टी मैनपुरी फार्मूला के आधार पर लोकसभा की 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव पास होने के बाद सभी पदाधिकारी हाथ उठाकर सहमति जताते हुए।
पॉइंट 5 : कांग्रेस से दूरी, छोटे दलों के साथ रहना मजबूरी
अखिलेश लगातार कांग्रेस और BJP सरकार पर हमला बोल रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस की राह पर BJP सरकार के चलने की बात कह रहे हैं। अखिलेश ने BJP के मजबूत होने की वजह से कांग्रेस को बताया है। फिलहाल पार्टी के सूत्र बता रहे हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से दूरी ही पार्टी के लिए बेहतर है। वही छोटे दलों को साथ लाने को लेकर चलना अखिलेश की मजबूरी हैं। आरएलडी के साथ पश्चिमी मोर्चे को संभालने की भी तैयारी है।