संसद भवन में सुरक्षा चूक काफी गंभीर मामला – ममता बनर्जी

कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नये संसद भवन में सुरक्षा चूक मामले  काफी गंभीर बताया है। संसद सुरक्षा चूक मामले के आरोपियों में शामिल ललित मोहन झा के पश्चिम बंगाल से संबंध होने की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने दावा किया कि यह बंगाल को बदनाम करने की भाजपा की चाल है।
बनर्जी ने दिल्ली रवाना होने से पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘संसद की सुरक्षा में सेंध एक गंभीर मामला है। एक बड़ी चूक हुई। केंद्रीय गृह मंत्री पहले ही यह स्वीकार कर चुके हैं। उन्हें इसकी जांच करने दीजिए। उन्होंने संसद सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन के कारण पार्टी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन के साथ-साथ लोकसभा के कई अन्य सांसदों को संसद के शेष शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित करने का भी जिक्र किया।
बनर्जी ने कहा, ‘‘उनका (भाजपा) एकमात्र काम बंगाल की छवि खराब करना है। हमारा राज्य ऐसी किसी भी अवैध चीजों का समर्थन नहीं करता है।अपनी नयी दिल्ली यात्रा का जिक्र करते हुए, बनर्जी ने कहा कि वह मंगलवार को होने वाली ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन की बैठक में भाग लेंगी और अगले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर पश्चिम बंगाल को बकाया राशि जारी करने के लिए दबाव डालेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बंगाल एकमात्र राज्य है जिसे उन्होंने (केंद्र में भाजपा सरकार) वंचित रखा है। उन्होंने 100 दिनों की रोजगार योजना, आवास योजना, ग्रामीण सड़क योजना के लिए बंगाल का बकाया देना बंद कर दिया है। राज्य और केंद्र ऐसी योजनाओं का खर्च साझा करते हैं। बनर्जी ने स्वास्थ्य केंद्रों को भगवा रंग में रंगने संबंधी केंद्र के निर्देश का जिक्र करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि पार्टी यह भी तय करने की कोशिश कर रही है कि लोगों को क्या खाना या पहनना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘आप देख सकते हैं कि सभी मेट्रो स्टेशन को भगवा रंग में रंगा जा रहा है। मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि सिलीगुड़ी के सुकना में सभी घरों को भगवा रंग में रंग दिया गया है। हम इस पर भी आवाज उठाएंगे। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कहा, ‘‘हमें स्वास्थ्य केंद्रों को भगवा रंग में क्यों रंगना चाहिए? हमने पहले ही उन्हें नीले और सफेद रंग में रंग दिया है, जो हमारी पार्टी का रंग नहीं है, बल्कि हमारी राज्य सरकार का ब्रांड है। हमने सबसे पहले ‘कलर कोड शुरू किया था। क्या हर जगह हमें भाजपा का ‘लोगो लगाना होगा और भाजपा के रंग में रंगना होगा? यह लोगों को भ्रमित करने की एक सोची समझी साजिश है।

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