आगर-मालवा, अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर समस्त शासकीय विद्यालयों में शैक्षिक निपुण चौपाल का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य सभी 6 से 14 वर्ष के बच्चो को मुख्य धारा से जोड़ने, बच्चो के सीखने एवं उनके शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास हेतु अभिभावकों की भूमिका पर चर्चा करना है।
कलेक्टर श्री राघवेन्द्र सिंह एवं जिला मुख्य कार्यापालन अधिकारी श्रीमती हरसिमरनप्रीत कौर के दिशा-निर्देशन में जिला शिक्षा केंद्र से जिला परियोजना समन्वयक अनिल दामके एवं पंचायती राज के सहयोगात्मक प्रयास से चौपाल का सफलता पूर्वक संचालन किया गया।
इस अवसर स्वयं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती हरसिमरनप्रीत कौर ने एकीकृत शाला निपानिया बैजनाथ में अभिभावकों एवं जन-प्रतिनिधि को संबोधित करते हुए निपुण भारत अभियान के आयामों के आधार पर गांव को निपुण गांव बनाने की अपेक्षा व्यक्त करते हुए मुख्यतः माताओं को अपने बच्चे के सीखने एवं शिक्षा के प्रति समय निकालने को कहाँ, जिससे विद्यालयों में सीखे कार्यों का घर पर माताओं द्वारा पूछे जाने पर बच्चो का दोहराव हो सकें, इस महत्व को मैडम ने स्वयं के अभिभावक द्वारा किये प्रयासों को भी साझा किया जिससे अभिभावकों को प्रेरणा मिली। इसी क्रम में चौपाल में कक्षा 1 से 3 तक पढ़ने वाले बच्चो में निपुण बच्चो को सीईओ जिला पंचायत द्वारा पुरस्कृत किया गया एवं उन माताओं को भी बेस्ट माता का अवार्ड दिया गया जिन्होंने अपने बच्चो के सीखने के प्रति विगत वर्षो से उन्हें नियमित विद्यालय भेजने, उनके सीखने के प्रति जागरूक एवं विद्यालय के प्रति समर्पित भाव से सहयोग करती आयी हैं। चौपाल का संचालन शोभा जैन एवं समस्त विद्यालय परिवार एवं जन-शिक्षक मनोज कलवार द्वारा किया गया।
इसी क्रम में आपको बता दे कि, शैक्षिक चौपाल के आयोजन से पूर्व समस्त सरपंचो का मुख्य कार्यपालन जनपद के अध्यक्षता में बैठक का निपुण प्रोफेशनल जया एवं शिक्षा विभाग के द्वारा आयोजन किया गया था। जिससे ग्राम/पंचायत स्तर पर शैक्षिक स्थिति में जन-सहभागिता सुनिश्चित करने के साथ अभिभावकों की विद्यालय के विकास एवं बच्चो के शैक्षिक विकास में सहभागिता को बढ़ावा दिया जा सकें। जिसके परिणामस्वरूप आज शैक्षिक चौपाल के आयोजन के साथ समस्त ग्राम वासी, शिक्षक एवं जनप्रतिनिधि ने अपने गांव एवं विद्यालय को निपुण बनाने का शपथ लिया एवं हर बच्चे को सत्र 2024-25 तक निपुण बनाने एवं सभी 6 से 14 वर्ष के बच्चो को मुख्य धारा से जोड़ने उन्हें नियमित भेजने को तय किया।