सुसनेर। शुक्रवार को सरपंच संघ ब्लाक अध्यक्ष विक्रमसिंह परमार की शिकायत पर पुलिस थाना सुसनेर में फेसबुक पर चल रही आईडी ‘सच की आवाज़’ के संचालनकर्ता संतोष बैरागी पिता भूवानीराम बैरागी निवासी नांदना तहसील सुसनेर पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 353 एवं नए आईटी अधिनियम 2000 की धारा 66 सी एवं 67 के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
विक्रमसिंह परमार ने पुलिस को बताया कि यह आईडी लगातार सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ भ्रामक और तथ्यहीन पोस्ट कर रहा है, जिससे उनकी सामाजिक छवि को ठेस पहुँच रही है। शिकायत पत्र में उन्होंने लिखा कि इससे पहले भी वे कई बार इस तरह की पोस्ट को नजरअंदाज कर चुके हैं, लेकिन अब यह सिलसिला थम नहीं रहा।
थाना प्रभारी केसर राजपूत ने बताया की विगत दिनों से उक्त सच की आवाज नामक फेसबुक आईडी से आरोपी संतोष यादव देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सांसद एवं क्षेत्र के विधायक, सरपंच सहित नगर एवं क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधियों एवं शासन प्रशासन के खिलाफ आए दिनों इस प्रकार से फर्जी पोस्ट कर उक्त युवक अपमानित करता चला आ रहा था। जिससे नगर की शांति भंग होने का खतरा था। क्योंकि उक्त युवक के विरुद्ध लगातार इस प्रकार का कृत्य करने की शिकायते क्षेत्र के सभ्रांत लोगो एवं जनप्रतिनिधियों के माध्यम मिल रही थी। जिस पर सुसनेर पुलिस थाने की एफआईआर नम्बर 0086 पर फरियादी विक्रमसिंह परमार निवासी खजूरी जो कि सरपंच होने के साथ साथ सरपंच संघ सुसनेर के ब्लाक अध्यक्ष भी है कि शिकायत पर उक्त युवक संतोष बैरागी की विरुद्ध बीएनएस की धारा 353 एवं आईटी अधिनियम की धारा 66 सी एवं 67 में प्रकरण दर्ज कर आरोपी की सरगर्मी से तलाश जारी है।
बीएनएस की धारा 353 क्या है।
बीएनएस की धारा 353 उन अपराधों से संबंधित है जो सार्वजनिक भलाई को प्रभावित करते हैं। इसलिए यह अपराध संज्ञेय होते है, जिसका अर्थ है कि पुलिस बिना वारंट के ऐसे कार्य करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है और जांच शुरू कर सकती है। इसके साथ ही धारा 353 गैर-जमानती भी है। जिसका मतलब है कि जिस भी व्यक्ति पर इस धारा के तहत आरोप लगाए जाते हैं, तो उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है।
निष्कर्ष:- बीएनएस सेक्शन 353 का मुख्य उद्देश्य समाज में भ्रामक जानकारी के प्रसार को रोकना है। इस प्रकार के अपराध न केवल कानून का उल्लंघन करते हैं, बल्कि समाज की शांति और सामंजस्य को भी खतरे में डालते हैं। इसलिए इस धारा के तहत दंड के लिए बनाए गए प्रावधान सख्त हैं, ताकि लोगों को सचेत किया जा सके और समाज में सद्भाव बनाए रखा जा सके।
फर्जी फेसबुक आईडी सच की आवाज का आरोपी संचालन कर्ता संतोष बैरागी।