इंदौर । इंदौर पुलिस ने बुधवार रात गाड़ियां पकड़ने का अभियान चलाया। कुछ ही घंटों में इंदौर के थानों पर चमचमाती गाड़ियों की लाइन लग गई। अचानक हुई इस सख्ती से किसी को भी कुछ समझने का मौका नहीं मिला। जो भी अपनी मॉडिफाई गाड़ी पर घूम रहा था पकड़ा गया।
क्या है मामला
इंदौर पुलिस को लगातार शिकायतें मिल रहीं थी कि लोग मॉडिफाई गाड़ियों से तेज आवाज करते हुए सड़कों पर निकलते हैं। इसी वजह से पुलिस ने अचानक अभियान चलाकर इस तरह के वाहनों को जब्त करना शुरू कर दिया। सभी थाना प्रभारी अपने बल को लेकर सड़कों पर उतर आए। इस दौरान बड़ी संख्या में उन लोगों को भी पकड़ा गया जो शराब पीकर वाहन चला रहे थे। इसके साथ मॉडिफाई साइलेंसर वाली गाड़ियां जब्त कर लीं गईं। अकेले आजाद नगर पुलिस ने ही 25 बुलेट बाइक पकड़ी जिनसे गोलियों की तेज आवाज निकल रही थी।
नए पुलिस कमिश्नर के आदेश पर हुआ एक्शन
नए पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता के आदेश के बाद यह एक्शन हुआ। उन्होंने सभी एसीपी को आदेश दिया कि वे अपने क्षेत्रों के थाना प्रभारियों के साथ वाहन और संदेहियों की जांच करें। इसके बाद सभी थाना टीआई ने अलग अलग टीमें बनाकर प्रमुख चौराहों पर नाकाबंदी की। वाहनों के चेकिंग के दौरान ब्रेथ एनालाइजर से अल्कोहल की पुष्टि भी की गई। जो नशा करके गाड़ियां चला रहे थे उनकी गाड़ी जब्त कर कोर्ट केस बनाया गया।
नियम विरुद्ध गाड़ियों में बदलाव कर रहे युवा
डीसीपी आदित्य मिश्रा ने बताया कि अभियान में हमने उन गाड़ियों को रोका जिनमें अमानक (मॉडिफाई) साइलेंसर लगे थे। इस दौरान आजाद नगर पुलिस ने 25 बुलेट चालकों को पकड़ा। युवा नियम विरुद्ध गाड़ियों में बदलाव कर रहे हैं इसलिए यह कार्रवाई की जा रही है। मिश्रा के मुताबिक ऐसी गाड़ियों से गोली की तरह आवाज निकलती है। सड़क चलते बुजुर्ग और छात्रों से इसकी लगातार शिकायत मिल रही थी। इसके बाद हमने यह अभियान शुरू किया।
कोर्ट से छूटेंगी गाड़ियां, एक लाख रुपए का जुर्माना और छह महीने की सजा
डीसीपी आदित्य मिश्रा ने बताया कि इन सभी गाड़ियों के चालान नहीं काटे गए हैं। सभी के कोर्ट केस बनाए गए हैं। सभी गाड़ियां अब कोर्ट से ही छूटेंगी। मिश्रा ने बताया कि मोटर व्हीकल रूल्स में यह प्रावधान है कि आप साइलेंसर को इस तरह से मॉडिफाई नहीं कर सकते। इसी के साथ गाड़ियों पर लगने वाली चमचमाती लाइटें भी प्रतिबंधित हैं। नागरिकों को डराने और ध्वनि प्रदूषण करने वाले हार्न भी प्रतिबंधित हैं। इन मामलों में चालक को अधिकतम एक लाख रुपए तक का जुर्माना और छह महीने तक की सजा हो सकती है।