नेमावर नरसंहार… MP सरकार हिलाने वाली आदिवासी लड़की का इंटरव्यू:- बहन गुम हुई तो पुलिसवाले भगा देते थे; सरकार कितना भी डराए मैं न्याय यात्रा निकालकर रहूंगी

देवास के नेमावर में प्रेमिका सहित परिवार के पांच सदस्यों की हत्या मामले की सीबीआई जांच होने जा रही है। इस परिवार की एक मात्र जीवित बची लड़की भारती कास्डे है, जिसने इंसाफ के लिए सरकार को चैलेंज किया और न्याय यात्रा निकालने का फैसला किया। इसी के बाद सरकार हिल गई है।

इसमें उसने कहा कि न्याय यात्रा की ओर कदम बढ़ाने के बाद किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटूंगी। वारदात के बाद उसे कई बार धमकियां मिली हैं। उसने कहा कि सरकार कितना भी डराए, अब पीछे नहीं हटूंगी। न्याय यात्रा तो निकालूंगी। सरकार ने ताबड़तोड़ सीबीआई जांच की सिफारिश भी कर दी।

परिवार के लापता होने से लेकर से लेकर न्याय यात्रा निकालने तक की कहानी उसने बयां की। उसने बताया कि ‘मैं गरीब परिवार से हूं। इस कारण मुझे नेमावर से दूर पीथमपुर में नौकरी के लिए जाना पड़ा। 14 मई 2021 को मैंने घर पर आकर मम्मी को फोन किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों को कॉल किया, लेकिन नहीं लगा। जब दूसरे दिन भी कॉल नहीं लगा, तो 16 मई तारीख को मैंने भाई संतोष को फोन कर पूरी बात बताई। उनके दोस्त को नेमावर बस स्टैंड स्थित घर भेजा। यहां पड़ोसियों का कहना था कि 13 मई की रात चार पहिया वाहन में परिवार के सभी सदस्यों को जाते देखा है। इसके बाद मैं 17 मई को नेमावर पहुंची।

पड़ोसियों से जानकारी जुटाई, लेकिन गांव में किसी को कुछ पता नहीं था। इसके बाद थाने पहुंची। यहां गुमशुदगी दर्ज कराई। 17 मई की शाम पुलिस घर पहुंची। ताला तोड़ने के बाद घर के अंदर का सामान व्यवस्थित है। पुलिस अधिकारियों ने जाने के बाद भारती लगातार परिवार के सदस्यों को कॉल करती रही। 18 मई को रिश्तेदारों और गांव के लोगों से पूछती रही।’

परिवार के मृतक सदस्य ममता, रूपाली, दिव्या, पूजा व पवन।

हिंदू संगठन से जुड़ा है मुख्य आरोपी

इस हत्यांकाड में खुलासा हुआ था कि मुख्य आरोपी सुरेंद्र केसरिया हिंदू संगठन का पदाधिकारी है। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर 5 लोगों की हत्या की और शव खेत में दफना दिए थे। मुख्य आरोपी का मृतक रूपाली के साथ प्रेम प्रसंग था। सुरेंद्र की शादी कहीं और तय हो गई। प्रेमिका रूपाली उसे शादी के लिए तंग कर रही थी। उसे रास्ते से हटाने के लिए सुरेंद्र ने अपने भाई वीरेंद्र राजपूत, 2 नौकरों और 2 दोस्तों की मदद से परिवार की हत्या कर दी और जमीन में दफन कर दिया। भारती परिवार में अकेली बची है।

लापता हुई रूपाली के फोन से आया SMS

19 मई की सुबह लापता रूपाली के मोबाइल फोन से मैसेज आता है, जिसमें लिखा रहता है कि दीदी आप हमारी चिंता मत करना, हम लोग दूर चले गए। इसके बाद लगातार भारती – रुपाली से मैसेज से बात करती रही, लेकिन फोन नहीं लग रहा था। सिर्फ मैसेज ही आ रहे थे। भारती ने तुरंत थाने जाकर पुलिस वालों को कहा कि रूपाली का मोबाइल चालू हो गया है। लोकेशन ट्रेस कर सकते हैं, लेकिन किसी भी ने नहीं सुनी। उसे भगा दिया। 19 मई की शाम थाने से फोन आया कि सुरेंद्र को बुलवा लिया है। तुम भी आ जाओ। आमने-सामने बात कर लो। इसके बाद सुरेंद्र ने भारती को फोन दिखाते हुए कहा कि देखो इसमें यह तुम्हारी बहन का मैसेज है… तुम्हारा भाई उसे मारता है।

लापता होने के बाद रूपाली के मोबाइल से आया था मैसेज।

सीएम हेल्प लाइन के बाद पुलिस आई हरकत में

इसके बाद भारती नेमावर स्थित घर पहुंची। उसे एडवोकेट का नंबर मिला। उन्होंने सलाह दी कि सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करो। दूसरे दिन पुलिस भारती और सुरेंद्र के साथ हरदा लेकर पहुंची। यहां रूपाली जिस मकान में रहती थी।​​​​​​, उसके मकान मालिक ने कह दिया कि सुरेंद्र रूपाली का पति है। उससे पूछताछ करो, सब उगल देगा। भारती का आरोप था कि पुलिस वालों ने हरदा ले जाने के दौरान उसका मोबाइल रख लिया। उससे पूरे रास्ते आरोपियों जैसा व्यवहार भी किया।

लापता होने के 2 दिन पहले सुरेंद्र के पिता आए थे घर

भारती के पड़ोसियों को कहना था कि पड़ोसियों ने उसे बताया था कि 11 मई को सुरेंद्र के पिता घर पहुंचे थे। जहां परिवार को धमकाते हुए कहा था कि रूपाली को समझा दो वरना परिवार को खत्म कर देंगे, लेकिन पड़ोसी पुलिस वालों को कोई भी बयान देने से लगातार बच रहे थे। वहीं, सुरेंद्र राजपूत का राजनीतिक कैरियर होने के कारण गांव में उनका दबदबा था और कोई भी व्यक्ति उनके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं था।

न्याय यात्रा के लिए इस तरह के पोस्टर छपवाए गए हैँ।

आखिरी दम तक लड़ूंगी, मर भी जाएं तो परवाह नहीं

वर्तमान में आरोपी सलाखों के पीछे हैं, लेकिन जब तक उन्हें फांसी नहीं होती, लड़ती रहूंगी। इस न्याय यात्रा को लेकर भारती का कहना है कि राजनीतिक संरक्षण के कारण आरोपी लंबे समय तक सलाखों के बाहर रहे। अन्य बेटियों के साथ इस तरह की घटना ना हो। इसके कारण वह न्याय यात्रा निकाल रही है।

इंदौर की रीटा डांगरे भी है साथ

16 अक्टूबर 2016 को लापता हुई कांग्रेस नेत्री ट्विंकल डागरे की मां रीटा डांगरे भी बेटी के हत्यारों को सलाखों के पीछे करने के लिए लंबे समय तक लड़ाई करती रही। वह भारती का साथ दे रही है। उनका कहना था कि हम इस तरह की घटना से जूझ चुके हैं।​ वह भारती का साथ देंगी।

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