मप्र पुलिस के सेंट्रलाइज डायल-100 कंट्रोल रूम और एफआरवी वाहन अब पहले से ज्यादा हाईटेक होंगे। इन गाड़ियों में डैश बोर्ड और बाॅडी वॉर्न कैमरे लगे रहेंगे। इनकी खासियत यह होगी कि डायल-100 कंट्रोल रूम में इन्हें लाइव देखा जा सकेगा। इससे पुलिस के काम में पारदर्शिता आएगी। भ्रष्टाचार के आरोपों से भी बचा जा सकेगा।
कैबिनेट ने सेकंड फेज के डायल-100 कंट्रोल रूम (2021 से 2027) को मंजूरी दी है। इसके लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया होगी। डायल-100 फेज टू में एफआरवी की 1200 हाईटेक गाड़ियां होंगी, जो टेंडर अवधि में बढ़कर 2000 तक हो जाएंगी। वर्तमान में एफआरवी में 1000 गाड़ियां चल रहीं है, जिसमें ज्यादातर कंडम हो चुकी हैं।
नई गाड़ियों में डैश बोर्ड कैमरा और ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए बाॅडी वार्न कैमरा होगा। पुलिसकर्मियों के इवेंट पर पहुंचने के बाद इन कैमरों के लाइव फीड के माध्यम से डायल-100 कंट्रोल रूम में घटनास्थल को लाइव देखा जा सकेगा। इसके अलावा वर्तमान डेटा सेंटर को स्टेट डेटा सेंटर में शिफ्ट किया जाएगा।
यह सुविधाएं- 50% रिमोट काॅल टेकिंग का प्रावधान
- वॉयस काॅल, एसएमएस, सोशल मीडिया पैनिक बटन से जानकारी मिलने पर इवेंट तैयार कर एफआरवी को डिस्पैच किया जा सकेगा।
- आपात सेवाओं जैसे पुलिस, फायर, एंबुलेंस के लिए एक एकीकृत मोबाइल एप्लीकेशन होगी।
- पुलिस अधिकारियों की सतत निगरानी के लिए मोबाइल एप होगा।
- डायल-100 को अन्य नागरिक सेवाओं जैसे सीसीटीवी, सीसीटीएनएस और वल्लभ भवन सिचुएशन रूम से इंटीग्रेशन का प्रावधान रहेगा।
- काॅलर द्वारा काॅल किए जाने पर मोबाइल नंबर दिखाई नहीं देने की स्थिति में भी एफआरवी से संपर्क हो जाएगा। साथ ही काॅलर और एफआरवी के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग की सुविधा भी रहेगी।
- शहर और हाईवे की एफआरवी गाड़ियों में स्ट्रेचर की व्यवस्था रहेगी।
- कोविड-19 जैसी परिस्थितियों के लिए 50 प्रतिशत रिमोट काॅल टेकिंग का प्रावधान होगा, जिससे सेवा लगातार जारी रहे।