कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासनिक अमला भी एक्टिव मोड में है। कलेक्टर आशीषसिंह ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज के घर को कंटेनमेंट क्षेत्र बनाए और उनके घर के बाहर पोस्ट लगाएं। संक्रमित मरीज और उसके परिवारजनों को घर से बाहर सात दिनों तक न निकलने दें।
कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के सभी फर्स्ट कॉन्टेक्ट्स को भी सात दिनों के लिये क्वारेंटाईन करना है। पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने कहा जनता को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक करने की बहुत जरूरत है। आमजन से पुलिस अधिकारी और कर्मचारी कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करवायें।
अब ये ध्यान रखा जाएगा –
- व्यक्ति को कोरोना से मिलते-जुलते जरा से भी लक्षण दिखाई दें तो तुरन्त टेस्टिंग करवायें।
- जैसे ही कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों की सूची प्राप्त हो, आरआरटी तत्काल निकल जाये।
- तहसीलों में बिल्डिंग, सामुदायिक भवन आदि को चिन्हित कर कोविड केयर सेन्टर (सीसीसी) बनायें। मेडिकल स्टाफ की राउण्ड द क्लॉक ड्यूटी लगाएं।
- डॉ. रौनक अलची ने बताया कि ऐसे कोरोना पेशेंट जो कार्डिएक पेशेंट भी हैं, उन्हें अतिरिक्त एंटीवायरल दवाई दी जा सकती है। ऐसा व्यक्ति जो दोबारा कोरोना पॉजिटिव आया है, उसका इलाज नई गाईड लाइन के अनुसार किया जाए।
- यदि कोई गर्भवती महिला कोरोना पॉजिटिव आती है तो उनके इलाज के लिये गायनेकोलॉजिस्ट और पीडियाट्रीशियन की ड्यूटी ऑनकॉल लगाई जा सकती है।
टीकाकरण को लेकर –
ऐसे बच्चे जो स्कूल ड्रापआऊट हैं अथवा उन्हें भी चिन्हित किया जाए। यदि कोई दूसरे स्कूल का बच्चा टीका लगवाने आए तो मना न करें।