मकर संक्रांति के चलते पतंगबाजी की तैयारियां भी शहर में अलग-अलग स्थानों पर शुरू हो गई हैं।

  • पतंगों पर वैक्सीन का संदेश भी -प्रतिबंध के बावजूद बिक रही है चायना डोर

उज्जैन- मकर संक्रांति के चलते पतंगबाजी की तैयारियां भी शहर में अलग-अलग स्थानों पर शुरू हो गई हैं।

हालांकि कोरोना के मद्देनजर आयोजकों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की भी सलाह दी जा रही है। शहर के पतंगबाजी के मशहूर बाजारों में रंग-बिरंगी पतंग और डोर मिलने लगी है। प्रतिबंध के बावजूद चायन इंदौर में भी मकर संक्रांति को जमकर पतंगबाजी होती है। खासकर पुराने इंदौर में इसका अलग ही माहौल नजर आता है। वहीं खुले मैदानों और बायपास से लेकर सुपर कॉरिडोर जैसे क्षेत्रों में भी विभिन्न समाजों-संगठनों द्वारा सामूहिक पतंगबाजी के आयोजन किए जाते हैं। पतंगबाजी के साथ-साथ गिल्ली-डंडा भी खेलते हैं। फिल्मी सितारों से लेकर राजनेताओं की पतंगें बनती हैं।

इस बार भी चुनावों के मद्देनजर मोदी सहित अन्य नेताओं की पतंगें तो बाजारों में हैं ही, वहीं कोविड के मद्देनजर मुफ्त वैक्सीनेशन अभियान के संदेश भी पतंगों पर मोदी के फोटो के साथ नजर आ रहे हैं। तोपखाना, ढाबा रोड, शहीद पार्क ऐसे क्षेत्रों में पतंगों की खरीद-फरोख्त होती है। शहर के अलग-अलग स्थानों पर भी पतंग और डोर बिकने लगी है। इस बार गुजरात की भी रंग-बिरंगी और आकर्षक पतंगें इंदौर में आई हैं। पिछले दिनों ही जो प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए उनमें चायनीज धागे पर भी रोक लगाई गई, क्योंकि पक्षियों के साथ-साथ कई लोगों के गले भी इस चायनीज धागे से कट गए। पतंग बेचने वाले व्यापारियों को भी उम्मीद है कि इस बार पतंगबाजी अच्छी होगी और कोविड का विशेष असर पतंगबाजी पर नहीं रहेगा।

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