नेमावर हत्याकांड की न्याय यात्रा:- राज्यपाल से नहीं मिल सकी भारती कोरोना का हवाला देकर सुरक्षाकर्मियों ने लौटाया

मध्य प्रदेश के देवास जिले के नेमावर में हुए सामूहिक हत्याकांड में न्याय की मांग करते हुए निकाली जा रही न्याय यात्रा आज भोपाल पहुंची। न्याय यात्रा निकाल रही भारती कास्डे की मुलाकात राज्यपाल से नहीं हो सकी।

सुरक्षाकर्मियों ने कोरोना का हवाला देकर लौटा दिया।

जानकारी के अनुसार आदिवासी परिवार के हत्याकांड में जिंदा बची बेटी ने 1 जनवरी से न्याय यात्रा शुरू की थी। 11 दिन बाद यात्रा भोपाल पहुंची थी। मंगलवार को राजभवन जाने की योजना थी। पुलिस ने भारती कास्डे को खरगोन विधायक के बंगले के पास रोक लिया और राजभवन ले जाने के लिए गाड़ी में बैठा लिया। हालांकि राज्यपाल से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। राजभवन पर सुरक्षाकर्मियों ने कोरोना की बात कहकर उन्हें लौटा दिया।

न्याय यात्रा निकाल रही भारती ने यात्रा की शुरुआत में कहा था कि जब तक परिवार को न्याय नहीं मिलेगा, यह यात्रा जारी रहेगी। हम आरोपियों को फांसी पर लटकते देखना चाहते हैं। सीबीआई जांच शुरू होने से न्याय नहीं हो जाता। सात महीने से हम भटक रहे थे। तब सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिए। जब हमने यात्रा निकालने का एलान किया, तो यह आदेश दिया गया। आगे से किसी दलित परिवार के साथ ऐसा न हो, इसलिए भी हम यात्रा निकाल रहे हैं। यात्रा में भारती से मिलने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, कांतिलाल भूरिया पहुंचे।

नेमावर हत्याकांड क्या है?

देवास जिले के नेमावर में 17 मई 2021 को भारती कास्डे ने अपनी बहन रूपाली उम्र 21 वर्ष, ममता उम्र 45 वर्ष, दिव्या उम्र 14 वर्ष, पूजा उम्र 15 वर्ष और पवन उम्र 14 वर्ष के गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी। 27 मई 2021 को इस मामले में केस दर्ज हुआ। पुलिस ने 30 जून 2021 को मनोज कोरकू को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि पांचों को 13 मई को खेत पर बुलाकर हत्या की गई थी। इसके बाद 10 फीट गहरे गड्ढे में उनकी लाश को ठिकाने लगा दिया गया। इस खुलासे के बाद राजनीति गरमा गई थी। आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर जयस, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और कांग्रेस सरकार को घेर रही है।

क्यों हुआ था यह हत्याकांड?

नेमावर में रहने वाले रूपाली और सुरेंद्र सिंह राजपूत के बीच प्रेम प्रसंग था। 11 मई को सुरेंद्र का जन्मदिन था और इसी रात दोनों में शादी को लेकर विवाद हो गया। रूपाली ने इंस्टाग्राम पर फर्जी आईडी बनाई और सुरेंद्र की मंगेतर का फोटो और नंबर उस पर डाल दिया। इसका पता सुरेंद्र को चला तो उसने बदला लेने की ठानी। उसने रूपाली को 13 मई को फोन कर खेत पर बुलाया और उसकी हत्या कर दी। बाद में रूपाली की मां, बहन और चचेरे भाई-बहन को भी खेत पर बुलाकर उनकी हत्या कर दी। सुरेंद्र ने पहले ही 10 फीट गहरा गड्ढा खोद रखा था। उसमें पांचों की लाश को दफना दिया।

भारती की सूझ-बूझ से सामने आया मामला

रूपाली की बहन भारती और भाई संतोष बाहर काम करते थे। जब उनकी बात घर पर नहीं हो सकी तो वे गांव आ गए। इसके बाद भारती ने ही 13 मई को पुलिस में पांचों की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी। इस दौरान रूपाली के फोन से भारती को मैसेज आया कि उसने शादी कर ली है, उसकी तलाश न की जाए। इसके बाद मोबाइल को ट्रेस किया गया। पुलिस ने शक के आधार पर सुरेंद्र के दोस्त मनोज को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया।

नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया था पुलिस ने

पुलिस ने सुरेंद्र, उसके भाई वीरेंद्र, विवेक तिवारी, मनोज कोरकू, करण कोरकू, राजकुमार को 30 जून को गिरफ्तार किया था। इस मामले में राकेश निमाड़े, धर्मेंद्र और अरविंद कोरकू को सह-आरोपी बनाया गया है।

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