मध्य प्रदेश में 1000 से अधिक आबादी होने पर होगा पंचायत का पुनर्गठन जिला पंचायत में होंगे अधिकतम 35 वार्ड

जनपद और जिला पंचायत के लिए 4 फरवरी से प्रारंभ होगी प्रक्रिया

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने के लिए नए सिरे से पंचायतों का परिसीमन होगा।

इसमें उन पंचायत या गांव को शामिल किया जाएगा जो नगरीय निकाय में शामिल हो गए हैं, डूब क्षेत्र में आ गए हैं या फिर पिछले परिसीमन में छूट गए हैं। नई किसी भी पंचायत का गठन उस क्षेत्र की न्यूनतम आबादी एक हजार होने पर ही होगी। परिसीमन की यह प्रक्रिया 17 जनवरी 2022 से प्रारंभ होगी और 23 फरवरी को अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। इसी तरह जनपद और जिला पंचायत के प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र को जनसंख्या के आधार पर निर्धारित किया जाएगा। यह प्रक्रिया 28 फरवरी तक पूरी की जाएगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने परिसीमन के लिए कार्यक्रम घोषित कर दिया है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश-2021 के अनुसार पंचायतों का परिसीमन किया जाना है। इसके लिए जनसंख्या का आधार 2011 की जनगणना को रखा जाएगा।

पंचायत का गठन मुख्यालय से गांवों की दूरी, किसी बांध या सिंचाई परियोजना के कारण गांव के झूब में आने या परिसीमन से छूटने के आधार पर किया जा सकेगा। इसके लिए क्षेत्र की न्यूनतम जनसंख्या एक हजार होना अनिवार्य रहेगा। निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण ग्राम पंचायत की जनसंख्या के आधार पर होगा। एक हजार की जनसंख्या वाली पंचायत में कम से कम दस वार्ड रहेंगे।

इससे अधिक जनसंख्या होने पर बीस वार्ड तक बनाए जा सकेंगे। पंचायत के लिए प्रारंभिक प्रकाशन 17 जनवरी को किया जाएगा। दावे, आपत्ति एवं सुझाव 25 जनवरी तक स्वीकार किए जाएंगे। इनका निराकरण करके तीन फरवरी को ग्राम पंचायत के गठन की अंतिम सूचना का प्रकाशन किया जाएगा। वार्डों के निर्धारण की अधिसूचना 23 फरवरी को जारी की जाएगी।

इसी तरह जनपद और जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण होगा। पंचायतों का परिसीमन होने से जनपद पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों में संशोधन होगा। प्रत्येक जनपद पंचायत क्षेत्र में न्यूनतम दस निर्वाचन क्षेत्र होंगे। पचास हजार से अधिक जनसंख्या होने निर्वाचन क्षेत्रों को अधिकतम 25 वार्ड में विभाजित किया जा सकता है।

जिला पंचायत में कम से कम दस निर्वाचन क्षेत्र रखे जाएंगे। पांच लाख से अधिक जनसंख्या होने पर यह अधिकतम 35 तक हो सकते हैं। विभाग ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि जनपद और जिला पंचायत के परिसीमन की प्रक्रिया 28 फरवरी तक पूरी करके प्रतिवेदन राज्य शासन को भेजा जाए।

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