बीते दिनों मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव होने वाले थे, जिसके चलते सभी सरपंचों से उनके वित्तीय अधिकार ले लिए गए थे। लेकिन अब प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानों को वित्तीय अधिकार लौटाने का ऐलान कर दिया है।
12 दिन बाद शिवराज सरकार ने अपना फैसला पलटते हुए पंचायत प्रतिनिधियों को पहले की तरह फिर से सभी अधिकार दे दिए हैं। सीएम ने कहा-आज मैं पंचायत के तीनों स्तर पर प्रशासकीय अधिकार लौटा रहा हूं।
सीएम ने कहा-जनता की ताकत से सारे काम होते हैं…
दरअसल, सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासकीय समिति और प्रधानों के साथ वर्चुअल मीटिंग की। इस बैठक में उन्होंने प्रदेश के सभी पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत स्तर वित्तीय अधिकार लौटाने की घोषणा की। सीएम शिवराज ने कहा-जनता की ताकत से ही सारे काम होते हैं। आप सभी पूरी कर्तव्यनिष्ठा और लगन से विकास के कार्यों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में देरी की वजह से ऐसा फैसला लिया गया है। मेरी मान्यता है कि लोकतंत्र में चुने हुए जनप्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं।
सभी प्रधानों से की बस एक ही अपील
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा प्राशासनिक अधिकार लौटाते हुए आप सभी से अपील करता हूं कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्थानीय स्तर पर बनी समितियों में शामिल हो। साथ ही इससे निपटने के लिए सही दिशा में काम कीजिए। पंचायत स्तर पर कोविड क्राइसिस कमेटी की जिम्मेदारी आपकी है। मुख्यमंत्री ने प्रधानों से कहा-गांव में समाज सुधार के आंदोलन चलाएं। सामाजिक समरसता का भाव बने। ग्रामवासी मिल-जुलकर काम करें। पंचायत चुनाव जब होंगे, तब देखा जाएगा। इसमें दो महीने का समय लगेगा या चार महीने का, अभी कुछ कह नहीं सकते हैं।
पहले पावर दिया फिर वापस लिया और फिर ऐलान
बता दें कि यह तीसरा मौका है जब मध्य प्रदेश सरकार ने पंचायत के तीनों स्तर पर प्रशासकीय अधिकार तीसरी बार लौटाए हैं। पहला 4 जनवरी को गांव के प्रधानों को फाइनेंशियल पावर दिए। फिर एक दिन बाद ही सीएम ने अपना आदेश वापस लेते हुए उनके पावर वापस छीन लिए। अब 17 जनवरी को फिर प्रधानों को वित्तीय अधिकार लौटाने का ऐलान कर दिया है।