कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जो स्कूल 15 से 17 वर्ष की आयु के किशोरों के टीकाकरण में लापरवाही बरतेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यदि दो-तीन दिन में स्कूल संचालकों ने अपने यहां अध्ययरत किशोरों का टीकाकरण नहीं कराया तो उनके प्रशासनिक कार्यालय सील कर दिए जाएंगे।
कलेक्टर मनीषसिंह ने इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई के निर्देश दिए।
किशोरों के शत-प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को लेकर शुक्रवार को धर्मगुरुओं, शासकीय व निजी स्कूलों के प्राचार्य, स्वयंसेवी संस्थाओं की रवींद्र नाट्यगृह में बैठक रखी गई थी। बैठक में नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने शहर के कुछ ऐसे निजी स्कूलों की सूची सामने रखी जिसमें बड़ी संख्या में 15 से 17 वर्ष के किशोरों को अब तक टीके नहीं लगे हैं। इनमें सेंट उमर, आइके गर्ल्स स्कूल, गोल्डन फ्यूचर, खान बहादुर स्कूल, सत्य साईं विद्या विहार, सेंट अर्नाल्ड स्कूल आदि शामिल हैं। स्कूलों की इस लापरवाही पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान को स्कूल हल्के में न लेंं। जो स्कूल जानबूझकर अपने बच्चों का टीकाकरण नहीं करवा रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और उनका भविष्य सुरक्षित करने के लिए वैक्सीनेशन जरूरी है। आपदा प्रबंधन समिति के चिकित्सक डा. निशांत खरे ने कहा कि टीके के बाद ही बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियां सुचारू रूप से चल सकती हैं। अभिभावकों का दायित्व है कि वह अपने बच्चों को टीके जरूर लगवाएं। शहर काजी इशरत अली ने अपील की कि बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए वैक्सीन ही एक मात्र उपाय है, इसलिए सभी अपने बच्चों को टीका अवश्य लगवाएं।
बैठक का संचालन कर रहे समाजसेवी डा. अनिल भंडारी ने कहा कि भारत में युवा जनसंख्या सबसे ज्यादा है। यदि कोरोना से युवा और किशोर सुरक्षित रहेगा तो युवा शक्ति देश की उन्नति में लग सकेगी। इसलिए 15 से 17 साल के किशाेरों का टीकाकरण हमें 31 जनवरी तक पूरा करना है। इसके बाद फरवरी में इन्हीं किशोरों के लिए सेकंड डोज लगाया जाएगा। बैठक में सीएमएचओ डा. बीएस सैत्या, जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।