भाजपा की केंद्र और राज्यों की सरकारों का आज जिस प्रकार दमन का रवैया है, उसको देखते हुए लगता है कि हमें संविधान की रक्षा और देश के भविष्य के लिए एक बार फिर स्वतंत्रता की लड़ाई लड़नी पड़ेगी।
देश के भविष्य को, संविधान बचाने को और देश की संस्थाओं को बचाने की चुनौती आज हमारे सामने हैं। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कही। वे प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में नेता सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। बोस के जन्म दिवस पर रविवार को कांग्रेस मुख्यालय में पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
नाथ ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष, आजाद हिंद फौज के संस्थापक बोस को आज हम याद कर उन्हें नमन कर रहे हैं। यही नहीं हम कांग्रेस के इतिहास को भी याद कर रहे हैं। सुभाष चंद्र बोस ने ‘जय हिन्द’ का नारा दिया था और पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उस नारे को राष्ट्रीय नारे का स्वरूप दिया। नेताजी ने महात्मा गांधी और पं. जवाहर लाल नेहरू के साथ मिलकर आजादी के आंदोलन में भाग लेने के लिए आइसीएस से इस्तीफा दिया जो अंग्रेजी हुकूमत से बड़ी होती थी। उन्होंने दो बिग्रेड बनाए और आजादी की लड़ाई में कूद गए। देश की आजादी में हमारे महान नेताओं का योगदान रहा है इसी कारण हमारा देश आज एकता के साथ एक झंडे के नीचे खड़ा है। राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि नेताजी का आजादी की लड़ाई में योगदान, नेतृत्व और उनका व्यक्तित्व अद्भुत था, जबलपुर के त्रिपुरी में जब कांग्रेस का अधिवेशन हुआ तब उन्हें अध्यक्ष चुना गया। वे आजादी की लड़ाई में सिवनी जेल में भी रहे। जो लोग लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते उन ताकतों के खिलाफ हमें लड़ाई लड़ना है। आज कांग्रेस के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। नेताजी के बताए रास्ते और सोनिया गांधी के नेतृत्व में हम सबको काम करना है।
इस अवसर पर विधायक पीसी शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सैयद साजिद अली, जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश मिश्रा, दीपचंद यादव, प्रवक्ता विभा पटेल, आसिफ जकी, जितेन्द्र मिश्रा, संगीता शर्मा, राजकुमार सिंह, अजय सिंह यादव, विवेक त्रिपाठी, विनोद सेन सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित थे। इसके पूर्व कांग्रेसजनों ने सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित उन्हें पुष्पांजलि दी।