विक्रम विश्वविद्यालय का कमाल:- आय बढ़ाने के लिए परीक्षा से कुछ दिन पहले तक दे रहे प्रवेश

कुलपति कार्यालय के बाहर धरना देकर बैठे युकां व एनएसयूआई पदाधिकारी।

कुलपति घेराव कर छात्र नेता बोले- शिक्षा का व्यवसायीकरण बंद करो

विक्रम विश्वविद्यालय में वैसे तो एडमिशन और रिजल्ट के कई चौंकाने वाले मामले सामने आते हैं लेकिन हाल ही में प्रवेश के नाम पर विद्यार्थियों से खिलवाड़ का भी एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसमें विश्वविद्यालय ने प्रवेश की तारीख और ऑनलाइन लिंक खोलने की तारीख निकल जाने के बाद भी गुपचुप तरीके से कई विद्यार्थियों को परीक्षा के कुछ दिन पहले तक एडमिशन दे दिए। अब इस मामले का खुलासा होने के बाद कुलपति ने जांच कर उचित कार्रवाई की बात कही है।

एडमिशन के यह मामले विश्वविद्यालय की अध्ययनशालाओं से संबंधित हैं। विश्वविद्यालय की अध्ययनशालाओं में एडमिशन के लिए दिसंबर 2021 तक प्रक्रिया चली थी। जिसके बाद परीक्षा फॉर्म जमा करने की प्रक्रिया चली। क्योंकि जल्द ही संबंधित विद्यार्थियों की परीक्षाएं 31 जनवरी और फरवरी के प्रथम सप्ताह से शुरू होना है।

इस बीच गुपचुप तरीके से रसूखदार लोगों के दबाव में एलएलएम, बीकॉम ऑनर्स, एमबीए, एमए मास कम्युनिकेशन, बीबीए ऑनर्स, बीएससी ऑनर्स और एमए फिलोसॉफी में कई विद्यार्थियों के जनवरी 2022 में गुपचुप तरीके से एडमिशन कर दिए गए। इन विद्यार्थियों को एडमिशन देने के साथ ही इनके परीक्षा फॉर्म भी जमा करवा दिए गए। सवाल यह है कि मात्र कुछ दिनों की पढ़ाई में यह विद्यार्थी आखिर कैसे मुख्य परीक्षा दे सकते हैं, जबकि इनकी एक दिन की भी कक्षा नहीं लग पाई है।

इसकी जानकारी शुक्रवार को जब छात्र नेताओं को लगी तो युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव बबलू खींची के नेतृत्व में युवा कांग्रेस एवं एनएसयूआई के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने कुलपति कार्यालय का घेराव कर दिया। इस दौरान युकां के प्रदेश सचिव खींची ने कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय से यह तक कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षा के नाम पर व्यवसायीकरण हो रहा है, इसे बंद किया जाए।

इस दौरान एनएसयूआई के प्रदेश सचिव तरुण गिरि, बिट्टू चौकसे, कृष्णा पंवार, अंकित जाटवा, पंकज सोलंकी, धर्मेंद्र कुमावत, भावेश कुमार, राघव बैरागी, विश्वजीत सिंह, रितेश मालवीय, जितेंद्र चौधरी सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।

कई कोर्स में दिए एडमिशन

खींची ने आरोप लगाते हुए कहा जिन लोगों को पिछले 15 दिन के भीतर प्रवेश दिए हैं, उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा पास भी कर दिया जाएगा। क्योंकि उन सभी विद्यार्थियों ने रसूखदार लोगों के माध्यम से एडमिशन पाए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन खुद बताए कि एक-दो हफ्ते या 15-20 दिन में कोर्स आखिर कैसे पूरा हो सकता है। उच्च शिक्षा मंत्री के शहर में ही विश्वविद्यालय में इस तरह शिक्षा का व्यवसायीकरण किया जा रहा है। इसे रोका जाना आवश्यक है।

कई कोर्स में दिए एडमिशन

खींची ने आरोप लगाते हुए कहा जिन लोगों को पिछले 15 दिन के भीतर प्रवेश दिए हैं, उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा पास भी कर दिया जाएगा। क्योंकि उन सभी विद्यार्थियों ने रसूखदार लोगों के माध्यम से एडमिशन पाए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन खुद बताए कि एक-दो हफ्ते या 15-20 दिन में कोर्स आखिर कैसे पूरा हो सकता है। उच्च शिक्षा मंत्री के शहर में ही विश्वविद्यालय में इस तरह शिक्षा का व्यवसायीकरण किया जा रहा है। इसे रोका जाना आवश्यक है।

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