उज्जैन। पूर्व में पद से हटाने के बाद येन केन प्रकारेण अपनी पदस्थापना कराने के बाद फिर से बीएमओ डॉ. अनुज शल्या ने अपनाई पुरानी कार्यप्रणाली। गौरतलब रहे कि डॉ. अनुज शल्या द्वारा चर्चा करने पर बताया गया कि रात्रि कालीन ड्यूटी पर डॉ. रवि सोनी ड्यूटीरत थे। वहीं बाद में उनका कहना था कि डॉ. रवि सोनी की ऑन कॉल ड्यूटी थी। जबकि सोनी से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि वह दोपहर 12 से शाम 7 बजे तक ड्यूटी करके अपने घर उज्जैन चले गए थे। बाद में स्वास्थ्य केंद्र पर ग्रामीणों और मरीज के परिजनों के द्वारा हंगामा करने पर आनन- फानन में बीएमओ ने डॉ. सोनी को फोन कर बुलाया। उनके आने के बाद मरीज को उपचार दिया गया। देखने वाली बात यह है कि बीएमओ और डॉ. सोनी के बयान विपरीत होने से बीएमओ की कार्यप्रणाली पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। इस बात से आक्रोशित मरीज के परिजन और ग्रामीणजनों ने एसडीएम और थाना प्रभारी को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के नाम ज्ञापन सौंपते हुए लापरवाह बीएमओ के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि रविवार शाम करीब 7.30 बजे अंचल का एक ग्रामीण अपने बच्चे का उपचार करवाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घट्टिया पहुंचा, लेकिन स्वास्थ केंद्र पर कोई डाक्टर नहीं मिले। जिसको लेकर ग्रामीण ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर जमकर उत्पात मचाया। ग्रामीण का कहना था कि बच्चे की तबियत बिगड़ने के कारण मैं बच्चे को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घट्टिया पहुंचा लेकिन स्वास्थ केंद्र पर कोई डाक्टर नहीं मिले। जिसका खामियाजा भुगतने के लिए हमें मजबूर होना पड़ रहा है। शाम 5 बजे के बाद स्वास्थ्य केंद्र घट्टिया में कोई डॉक्टर नहीं मिलते जिससे ग्रामीणों को सही समय पर उपचार नहीं मिलता है और वह मौत के घाट उतर जाते हैं।