मध्य प्रदेश के जिन गांवों में आपसी विवाद नहीं होंगे, शिवराज सरकार उन्हें विकास के लिए विशेष पैकेज देगी। यह दो से लेकर दस लाख रुपये तक होगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग समरथ योजना तैयार कर रहा है। योजना में ग्राम पंचायतों का चयन पिछले तीन साल के पुलिस रिकार्ड के आधार पर किया जाएगा। योजना लागू करने का मकसद ग्रामीण क्षेत्र में मिल- जुलकर रहने का माहौल बनाना और उन्हें ग्रामीण विकास के लिए प्रेरित करना है। योजना आगामी वित्तीय वर्ष से लागू की जा सकती है। प्रदेश में 22 हजार 710 पंचायतें हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि ऐसी ग्राम पंचायतों को चिन्हित किया जाए, जहां आपसी विवाद बिलकुल भी नहीं हैं। इन्हें अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणा स्रोत बनाकर प्रस्तुत किया जाएगा। इन पंचायतों को विकास कार्यों के लिए अलग से विशेष पैकेज के तौर पर राशि दी जाएगी। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विवाद रहित पंचायतों को दो लाख रुपये अलग से देने का प्रविधान पहले से है लेकिन नई योजना में इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। इसका मकसद यही है कि गांव में लोग मिल-जुलकर रहें और स्वयं के साथ प्रदेश के आर्थिक विकास में योगदान दें।
गांव के विकास की योजना बनाने में सहभागिता करें। चयनित ग्राम पंचायतों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा ताकि दूसरी पंचायतें भी प्रेरणा लेकर ऐसा माहौल बनाएं कि उनके अंतर्गत आने वाले गांवों में भी आपसी विवाद न हों। यदि छोटे-मोटे विवाद हों तो उनका समाधान स्थानीय स्तर पर ही हो जाए। पहले गांवों में इसी तरह का माहौल होता था।