विदिशा में महिला किसान की शिकायत पर कलेक्टर ने मौके पर ही पटवारी को निलंबित किया

सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों के निवारण के लिए मंगलवार से जिले में शिविर लगने शुरू हो गए हैं। विदिशा तहसील परिसर में लगे शिविर का कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने जायजा लिया, जहां एक महिला किसान की शिकायत पर कलेक्टर ने तत्काल ही मौके पर मौजूद पटवारी को निलंबित करने के आदेश दे दिए।

ग्राम घाटखेड़ी की महिला किसान कोसा बाई आदिवासी ने वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिलने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की थी। कलेक्टर भार्गव ने महिला की शिकायत सुनी। इसी बीच कोसाबाई ने किसान सम्मान निधि नहीं मिलने की शिकायत की। उसने बताया कि 5 साल पहले उनके पति रामचरण आदिवासी का देहांत हो गया तब से वह पट्टे की सवा बीघा जमीन पर खुद खेती कर रही है। उसे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल रहा। कलेक्टर ने जब मौके पर जांच कराई तो पता चला कि क्षेत्र के पटवारी ने किसान रामचरण की मौत के बाद जमीन का फौती नामांतरण नहीं कराया। जमीन मृतक रामचरण के नाम ही है इस वजह से उसका किसान सम्मान निधि के लिए रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ। कलेक्टर ने पटवारी अश्विनी रैकवार से जब कारण पूछा तो पटवारी ने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं होने की बात कही, लेकिन महिला ने मौके पर ही मृत्यु प्रमाण पत्र भी दिखा दिया। जिस पर कलेक्टर नाराज हो गए उन्होंने पटवारी को फटकार लगाते हुए तुरंत भू अभिलेख अधीक्षक को फोन करके पटवारी अश्विनी कुमार रैकवार को तत्काल निलंबित करने के आदेश दे दिए। यहां तहसील परिसर में लगे शिविर में नगरपालिका, स्वास्थ्य विभाग और राजस्व विभाग की शिकायतों के निवारण के लिए संबंधित अधिकारी स्टॉल लगाकर बैठे हुए थे। कलेक्टर ने बारी-बारी सबका जायजा भी लिया।

सीएम हेल्पलाइन में बिगड़ी है जिले की रैंकिंग

गौरतलब है कि सीएम हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों का निराकरण नहीं होने से विदिशा जिला ए ग्रेड के 26 जिलों में से 23वे नंबर पर है। जिले की गिरती ग्रेडिंग को सुधारने के लिए कलेक्टर ने प्रति मंगलवार को सीएम हेल्पलाइन निवारण शिविर लगाने के आदेश जारी किए हैं। मंगलवार को पहला शिविर था। इसके पहले सोमवार को ही कलेक्टर ने शिकायतों के निराकरण नहीं करने पर पीएचई के कार्यपालन यंत्री के खिलाफ कार्रवाई के लिए कमिश्नर को पत्र लिखा है, तो वहीं खाद्य आपूर्ति अधिकारी, ग्रामीण तहसीलदार सहित चार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए हैं।

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