बसंत पंचमी से महाकाल के गर्भ ग्रह में श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू

विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर का गर्भ गृह शनिवार से आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। श्रद्धालु को मास्क और कोरोना गाइड लाइन का पालन करने के बाद ही प्रवेश दिया गया। कोरोना के बढ़ते संक्रमण और नव वर्ष पर आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते मंदिर प्रबंध समिति ने 30 दिसंबर से 3 जनवरी तक गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन और बढ़ते संक्रमण को देखते हुए गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध बढ़ाकर 10 जनवरी तक कर दिया गया इसके बाद भी गर्भगृह नहीं खुला और प्रवेश पर प्रतिबंध को अगले आदेश तक बड़ा दिया गया था। मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की बसंत पंचमी पर मुराद पूरी हो गयी। बीते करीब 37 दिनों से बंद महाकाल मंदिर का गर्भगृह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। शनिवार को दोपहर में से ही श्रद्धालुओं की लाइन को गर्भ गृह में प्रवेश दिया वैसे ही महाकाल मंदिर परिसर जयकारों से गूंज उठा।

दो दिन पहले ही 1500 रुपए वाले श्रद्धालुओं के लिए खोला था गर्भगृह

महाकाल मंदिर समिति ने कोरोना का संक्रमण और भक्तो की भीड़ कम होने के कारण मंदिर में 1500 रुपए की रसीद कटवाकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति दी थी। लेकिन शनिवार को अचानक मंदिर समिति ने निर्णय लेकर गर्भ गृह से दर्शन शुरू कर दिए।

शुक्रवार को नयी गाइड लाइन के बाद निर्णय

महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया की राज्य सरकार की नयी गाइड लाइन के अनुसार शादी में मेहमानों को बुलाने पर लगे प्रतिबन्ध को हटाने के बाद। मंदिर समिति ने भी फैसला लिया की जब ज्यादा भीड़ नहीं होगी उस समय श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश मिलेगा और भीड़ होने पर 1500 रुपए देकर गर्भगृह में प्रवेश कर सकेंगे श्रद्धालु

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