उज्जैन । प्रतिवर्ष अनुसार वर्ष प्रतिपदा पर उज्जैन में भारत उत्कर्ष एवं नव जागरण व एकाग्र समागम विक्रमोत्सव का आयोजन 25 मार्च से 2 अप्रैल (विक्रम संवत 2078-79) की तिथियों में होगा। विक्रमोत्सव में नाट्य प्रस्तुतियां, सांगितिक सभाएं, व्याख्यान, शोध गोष्ठी, चित्र प्रदर्शनी, पुस्तक प्रकाशन एवं कवि सम्मेलन की गतिविधियां आयोजित की जायेंगी। विक्रमोत्सव के आयोजन की रूपरेखा तय करने हेतु उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में विधायक श्री पारस जैन, कलेक्टर श्री आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, सर्वश्री विवेक जोशी, जगदीश अग्रवाल, रूप पमानानी, राजेशसिंह कुशवाह, संजय अग्रवाल, सुरेंद्र अरोरा, संचालक विक्रमादित्य शोधपीठ डॉ.श्रीराम तिवारी, जगदीश पांचाल, प्रशांत पौराणिक, संतोष पंड्या, रमण सोलंकी आदि गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
बैठक में प्रस्तावित कार्यक्रम की जानकारी देते हुए विक्रमादित्य शोधपीठ के संचालक डॉ.श्रीराम तिवारी ने बताया कि प्रारम्भिक रूप से नाट्य प्रस्तुतियों के लिये विक्रम नो वेश गुजराती भवाई लोकनाट्य परम्परा, महाराजा विक्रमादित्य मणिपुरी लोकनाट्य परम्परा, पद्मांक गाथा संस्कृत नाट्य परम्परा, नैपथ्य राग, चाणक्य, विक्रमार्क कथा कर्नाटक की यक्षगान शैली, महानाट्य विक्रमादित्य, सिंहासन बत्तीसी, वीरवर विक्रम दास्तानगोई, शिवोहम नृत्य नाटिका का चयन किया गया है। इसी तरह कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध कवि हरिओम पंवार, कुमार विश्वास, मनोज मुंतशिर आदि नामचीन कवियों को आमंत्रित किया जायेगा। कलश यात्रा, सूर्योपासना, विक्रम संवत पंचांग प्रकाशन भी किया जा रहा है।
सांगितिक प्रसतुतियों में राग मालवा, ध्रुपद गायन उदयन भवालकर पुणे, लोकप्रिय सांगितिक प्रस्तुति में कलाकारों के रूप में ऋचा शर्मा अथवा कैलाश खैर को आमंत्रित किया जायेगा। इसी तरह विक्रम वैदिक घड़ी का प्रवर्तन टॉवर पर करने, विक्रम पंचांग काउंटर की स्थापना महाकालेश्वर मन्दिर परिसर में करने, मूर्तिकला वर्कशॉप सम्राट विक्रमादित्य अलंकरण, पुस्तकों का विमोचन, वेद अंताक्षरी का आयोजन के साथ 2 अप्रैल गुड़ी पड़वा को प्रात: 5.30 बजे सूर्य को अर्ध्य देने, महाकाल ध्वज महाकाल मन्दिर में आयोजित करने की प्रस्तावना तय की गई है।
बैठक में कलेक्टर ने नगर निगम को रामघाट से नृसिंह घाट तक मन्दिरों की पुताई, साफ-सफाई एवं विद्युतीकरण करने, पेयजल की व्यवस्था करने, उज्जैन विकास प्राधिकरण को मंच निर्माण करने, स्वास्थ्य विभाग को समारोह स्थलों पर चिकित्सा सुविधाएं, विद्युत विभाग को जनरेटर एवं विद्युत संयोजन की व्यवस्था करने, पुलिस विभाग को सुरक्षा एवं यातायात तथा जिला प्रशासन को कानून व्यवस्था एवं शिप्रा नदी के घाट पर बैरिकेटिंग व नाव आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं।