भोपाल रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों को शहर के विभिन्न हिस्सों में जाने के लिए निर्धारित दरों पर ही आटो मिलेंगे। आटो चालक अधिक किराया नहीं वसूल सकेंगे।
स्टेशन प्रबंधन और यातायात पुलिस मिलकर नई व्यवस्था बना रही है। जिसमें स्टेशन के प्लेटफार्म-छह की तरफ एक बूथ होगा। यह यातायात पुलिस द्वारा संचालित किया जाएगा। इसकी शुरूआत मार्च के अंत तक हो जाएगी। इस बूथ पर शहर के सभी जिस्सों की दूरी और उस दिशा में आटो चलाने वाले चालकों का नाम होगा। साथ ही किराया भी तय होगा। ट्रेनों से स्टेशन पर उतरने वाले यात्री इस बूथ पर जाएंगे और निर्धारित किराया चुकाकर आटो की मांग करेंगे। पूर्व में यह सुविधा रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर थी, जो बंद हो चुकी है।
रोज 132 ट्रेनें ठहरती हैं, 10 हजार से अधिक यात्री उतरते हैं
बता दें कि भोपाल रेलवे स्टेशन पर 132 ट्रेनें ठहरती हैं। ये चौबीस घंटे में ठहरती हैं। इनमें से अभी 10 हजार से अधिक यात्री उतरते हैं। विवाह और छुट्टियों के सीजन में यह संख्या बढ़ जाती है। ये यात्री शहर के अलग-अलग हिस्सों और अन्य जिलों में आटो, टैक्सी व बसों के जरिए जाते हैं। खासकर शहर के अलग—अलग हिस्सों में जाने वाले यात्रियों को आटों से ही सफर करना पड़ता है। जिसमें किराए को लेकर बहस की स्थिति बनती है। आटो चालक मनमाना दाम मांगते हैं तो यात्री कम रुपये देने के लिए मनाते हैं। इसमें कई बार बात तो बन जाती है लेकिन कुछ मामलों में विवाद भी हो जाते हैं। इसे देखते हुए रेलवे ने नई व्यवस्था लागू करने की पहल की है। इसके लिए यातायात पुलिस की मदद ली जा रही है। पूरी योजना अभी बनकर तैयार नहीं हुई है, लेकिन काम चल रहा है। जल्द ही स्टेशन पर यातायात पुलिस का बूथ तैयार हो जाएगा। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि स्टेशन का विस्तार किया जा रहा है। यहां यात्रियों को अच्छी से अच्छी सुविधा और सेवा मिले, इसके प्रबंध किए जा रहे हैं।
बूथ से मिलेंगी यह मदद
— यात्री स्टेशन पर उतरेंगे। प्लेटफार्म—छह की तरफ से बाहर निकलेंगे। सामने बूथ मिलेगा। उन्हें शहर के जिस हिस्से में जाना होगा, वहां के लिए बूथ पर जाकर आटो मांगेंगे। उसके किराया पूछेंगे, जो बताया जाएगा। इसके बाद यात्री की सहमति पर बूथ से आटो वाले को पुकारा जाएगा और उसे संबंधित यात्री को लेकर जाने के लिए कहा जाएगा। किराए के बारे में आटो चालक को बूथ से जानकारी दे दी जाएगी।
— जिन यात्रियों को रेलवे स्टेशन से आटो नहीं लेना होगा, वह भी बूथ से संबंधित इलाके तक पहुंचने के लिए किराए के बारे में पूछताछ कर सकेंगे।
— किराए को लेकर यदि यात्री और आटो चालक में विवाद की स्थिति बनती है तो बूथ में ड्यूटी करने वाले यातायात पुलिस के जवान मध्यस्थता कर विवाद सुलझाएंगे।