उज्जैन । संभागायुक्त श्री संदीप यादव की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य शासन के अधिकारी एवं कर्मचारियों एवं उनके आश्रितों की राज्य के भीतर कराये गये इलाज की चिकित्सा प्रतिपूर्ति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में संभागायुक्त श्री यादव ने 150 चिकित्सा प्रतिपूर्ति की समीक्षा की। संभागायुक्त ने 150 में से अधिकांश चिकित्सा देयकों को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने न्यायाधीशगणों, उप निरीक्षकों, चिकित्सकों, परियोजना समन्वयक, सहायक ग्रेड-3, स्टाफ नर्स, सहायक प्रबंधक, सहायक शिक्षकों, सहायक निरीक्षकों, भृत्य, वाहन चालक के चिकित्सा प्रतिपूर्ति को स्वीकृति प्रदान की। वहीं सामान्य बीमारी, सामान्य डिलेवरी, कम गंभीर बीमारी जैसे डेंगू आदि से सम्बन्धित प्रकरणों को अस्वीकृत भी किया। संभागायुक्त ने संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ.लक्ष्मी बघेल को निर्देश दिये कि वे प्रदेश के मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों की सूची सभी विभाग में भिजवाना सुनिश्चित करें, ताकि अधिकारी-कर्मचारियों को यह स्पष्ट हो सके कि कौन-सा चिकित्सालय मान्यता प्राप्त है। जब अधिकारी एवं कर्मचारी मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों से अवगत हो सकेंगे तो वे अपना और परिजनों का उपचार मान्यता प्राप्त चिकित्सालय में ही कराना सुनिश्चित करेंगे। उल्लेखनीय है कि कुछ चिकित्सा प्रतिपूर्ति गैर-मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में इलाज कराने पर अस्वीकृत किये गये हैं। कुछ देयकों का संभागायुक्त ने पुन: परीक्षण करने के निर्देश दिये और कहा कि परीक्षण कर देयक उनके समक्ष प्रस्तुत करें। उन्होंने कुछ प्रकरण में आश्रित की आय स्पष्ट न होने पर आश्रित का पेनकार्ड एवं इनकम टैक्स का ब्यौरा हासिल करने के निर्देश दिये, ताकि प्रकरण संतोषजनक होने पर उन्हें स्वीकृत किया जा सके। उन्होंने कोविड-19 से पीड़ित अधिकारी एवं कर्मचारियों के समस्त देयकों को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की सदस्य मेडिकल कॉलेज हेड ऑफ द डिपार्टमेंट मेडिकल कॉलेज इन्दौर डॉ.भटनागर, संयुक्त संचालक डॉ.लक्ष्मी बघेल, सिविल सर्जन डॉ.पीएन वर्मा, संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा श्रीमती सुषमा ठाकुर उपस्थित थे।